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लैंग्वेज में परीक्षकों का टोटा

मुजफ्फरपुर। लैंग्वेज विषय में परीक्षकों का टोटा है। इस कारण मैट्रिक कापी का मूल्यांकन अबतक पूरा नहीं हो सका है। मूल्याकन कार्य 19 अप्रैल तक पूरा होना था। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 15 मई को मैट्रिक का रिजल्ट घोषित करने की पूर्व में घोषणा की है।
मगर, परीक्षकों की कमी के कारण कापी जाच की गति काफी धीमी है। शहर के पांच केंद्रों में मैट्रिक कापी का मूल्याकन कार्य हो रहा है। केंद्राधीक्षकों की मानें तो कुछ विषयों के परीक्षक नहीं मिल रहे हैं। लैंग्वेज में परीक्षकों की कमी है। कहीं संस्कृत तो कहीं अंग्रेजी की कापी के बंडल पड़े थे। संस्कृत के परीक्षक का डिमांड किया गया, लेकिन पूरा नहीं किया गया।
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स्कूलों में पठन-पाठन ठप
मूल्यांकन कार्य में शिक्षकों के कारण स्कूलों में पठन-पाठन ठप है। बच्चे स्कूल तो जा रहे लेकिन शिक्षक के नहीं होने से कक्षाएं नहीं चलतीं। दूसरी ओर कई शिक्षक पंचायत चुनाव कराने चले गए।
बयान :
परीक्षकों की कमी है। कई विषयों के परीक्षक नहीं मिल रहे हैं। स्थानीय स्तर पर परीक्षक नियुक्त किए गए हैं। मूल्यांकन कार्य एक से दो दिनों में पूरा हो जाएगा। अधिकांश विषयों के मूल्यांकन पूरे हो चुके हैं।

सत्येंद्र नारायण कंठ, जिला शिक्षा अधिकारी।

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