जगदीशपुर : इन
दिनों एक फर्जी बीइओ शिक्षक अभ्यर्थियों को फोन कर बेवकूफ बना रहा है. उसके
फोन कॉल पर दर्जनों लोग बेवकूफ बन कर शिक्षक बनने के लिए बीआरसी कार्यालय
की दौड़ लगा रहे हैं. ऐसे अभ्यर्थियों को फोन करने वाला स्वयं को जगदीशपुर
का बीइओ बताता है.
वह अभ्यर्थियों को फोन कर कहता है कि 2008 के शिक्षक नियोजन के लिए आपका नाम लिस्ट में आ गया है. आप अमुक तिथि को अपने प्रमाण पत्रों के साथ बीआरसी पहुंचें.
जब अभ्यर्थी बीआरसी पहुंचते हैं, तो उन्हें पता चलता है कि यहां पर तो 2008 का शिक्षक नियोजन हो चुका है. बीइओ ने इस तरह का फोन किसी को नहीं किया है. फर्जी बीइआके फोन कॉल पर कई लोग बीआरसी का चक्कर लगा रहे हैं. कुछ अभ्यर्थी तो बीइओ व अन्य बीआरसी कर्मियों से ही उलझ जाते हैं. जब उन्हें मामला समझाया जाता है, तब वे निराश होकर वापस लौटते हैं. जब उक्त नंबर पर दोबारा फोन किया जाता है तो उधर से फोन ही रिसिव नहीं किया जाता है. वहीं बीइओ जब अभ्यर्थियों से फर्जी कॉल करने वाले के खिलाफ लिखित आवेदन देने को कहते हैं, तो इसके लिए भी कोई तैयार नहीं होता है. कई अभ्यर्थी से फर्जी बीइओ द्वारा मोबाइल रिचार्ज करवाने और अपने अकाउंट में पैसे जमा करवाने की भी बात सामने आयी है. फर्जी कॉल पर ही बीआसी पहुंचे मिर्जानहाट भागलपुर के रहने वाले प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि 2008 के शिक्षक नियोजन के लिए उनकी बहन ने आवेदन दिया था. उस समय उसका नियोजन नहीं हुआ था. दो दिन पूर्व उनके मोबाइल पर 9472278996 मोबाइल नंबर से कॉल आया और स्वयं को बीइओ बताते हुए एक तिथि निश्चित कर उन्हें बीआरसी पहुंचने को कहा था. इसी तरह और भी कई लोग बीआरसी पहुंचे थे जिन्हें फर्जी कॉल कर बीआरसी आने को कहा गया था. फर्जी बीइओ ने शहर के एक जाने माने चिकित्सक को भी फोन कर उनके रिश्तेदार अभ्यर्थी को बीआरसी पहुंचने को कहा.
जब उनके रिश्तेदार मामले का पता करने बीआरसी पहुंचे तो उन्हें भी निराशा ही हाथ लगी. बीआरसी कर्मियों का कहना था कि चार साल पहले भी इस तरह के फर्जी कॉल के बाद अभ्यर्थियों का जमावड़ा लगने लगा था. उसके बाद यह सिलसिला बंद हो गया था, लेकिन विगत कुछ दिनों से लगातार फर्जी कॉल के शिकार अभ्यर्थी बीआरसी पहुंच रहे हैं.
वह अभ्यर्थियों को फोन कर कहता है कि 2008 के शिक्षक नियोजन के लिए आपका नाम लिस्ट में आ गया है. आप अमुक तिथि को अपने प्रमाण पत्रों के साथ बीआरसी पहुंचें.
जब अभ्यर्थी बीआरसी पहुंचते हैं, तो उन्हें पता चलता है कि यहां पर तो 2008 का शिक्षक नियोजन हो चुका है. बीइओ ने इस तरह का फोन किसी को नहीं किया है. फर्जी बीइआके फोन कॉल पर कई लोग बीआरसी का चक्कर लगा रहे हैं. कुछ अभ्यर्थी तो बीइओ व अन्य बीआरसी कर्मियों से ही उलझ जाते हैं. जब उन्हें मामला समझाया जाता है, तब वे निराश होकर वापस लौटते हैं. जब उक्त नंबर पर दोबारा फोन किया जाता है तो उधर से फोन ही रिसिव नहीं किया जाता है. वहीं बीइओ जब अभ्यर्थियों से फर्जी कॉल करने वाले के खिलाफ लिखित आवेदन देने को कहते हैं, तो इसके लिए भी कोई तैयार नहीं होता है. कई अभ्यर्थी से फर्जी बीइओ द्वारा मोबाइल रिचार्ज करवाने और अपने अकाउंट में पैसे जमा करवाने की भी बात सामने आयी है. फर्जी कॉल पर ही बीआसी पहुंचे मिर्जानहाट भागलपुर के रहने वाले प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि 2008 के शिक्षक नियोजन के लिए उनकी बहन ने आवेदन दिया था. उस समय उसका नियोजन नहीं हुआ था. दो दिन पूर्व उनके मोबाइल पर 9472278996 मोबाइल नंबर से कॉल आया और स्वयं को बीइओ बताते हुए एक तिथि निश्चित कर उन्हें बीआरसी पहुंचने को कहा था. इसी तरह और भी कई लोग बीआरसी पहुंचे थे जिन्हें फर्जी कॉल कर बीआरसी आने को कहा गया था. फर्जी बीइओ ने शहर के एक जाने माने चिकित्सक को भी फोन कर उनके रिश्तेदार अभ्यर्थी को बीआरसी पहुंचने को कहा.
जब उनके रिश्तेदार मामले का पता करने बीआरसी पहुंचे तो उन्हें भी निराशा ही हाथ लगी. बीआरसी कर्मियों का कहना था कि चार साल पहले भी इस तरह के फर्जी कॉल के बाद अभ्यर्थियों का जमावड़ा लगने लगा था. उसके बाद यह सिलसिला बंद हो गया था, लेकिन विगत कुछ दिनों से लगातार फर्जी कॉल के शिकार अभ्यर्थी बीआरसी पहुंच रहे हैं.
कहते हैं बीइओ : बीइओ शिवचंद्र यादव ने बताया कि किसी ने बीओ जगदीशपुर
के नाम से सिम कार्ड निकाल लिया है और वह रोज रोज अभ्यर्थियों को फोन कर
बेवकूफ बना रहा है. इस मामले से विभाग के वरीय अधिकारी भी अवगत हैं. फर्जी
कॉल के शिकार अभ्यर्थियों से जब आवेदन देने को कहा जाता है, तो इसके लिए
भी कोई तैयार नहीं होता है.
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