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शिक्षक नियोजन की फाइलें जलाने में बीईओ संदिग्ध

मीनापुर (मुजफ्फरपुर): बीआरसी में आगजनी कर शिक्षक नियोजन सहित अन्य फाइलों को जलाने के मामले की जांच जिला शिक्षा पदाधिकारी गणेश दत्त झा ने गुरुवार को की। प्रारंभिक जांच में प्रखंड शिक्षा अधिकारी की भूमिका संदिग्ध पायी गयी है। साथ ही बीआरपी पर कार्रवाई तय है। सरकार को इस मामले में रिपोर्ट भेजी जाएगी। दोपहर बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी मीनापुर बीआरसी पहुंचे।
प्रखंड शिक्षा अधिकारी, बीआरपी व एकाउंटेंट से पूछताछ की। पूछताछ में कई बातें सामने आयी हैं जिसकी जांच की जा रहीं है। डीईओ ने बताया कि प्रखंड शिक्षा अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है क्योंकि दो दिन पूर्व अवैध बहाली की जांच को लेकर चेतावनी दी गई थी। इसके बाद घटना घटी है। जांच में पाया गया कि कक्ष के रैक पर रखी संचिका 30 फीसद ही जली जबकि गोदरेज में रखे सारे कागजात जल गए। बुधवार की रात आग को पूरी तरह बुझाया नहीं गया। जांच के क्रम में देखा गया कि जले कागज के ढ़ेर से धुआं निकल रहा था। उन्होंने प्रखंड शिक्षा अधिकारी को फटकार लगाते हुए अविलंब आग बुझाने का निर्देश दिया। दूसरी ओर अब तक यह सूची तैयार नहीं हो सकी है कि कौन-कौन संचिका जली है। सूत्रों की मानें तो
2006 एवं 2008 में हुई शिक्षक बहाली की महत्वपूर्ण फाइलें जलने की सूचना है। सूचना के अधिकार, माननीय उच्च न्यायालय से संबंधित फाइलें, पंचायत नियोजन के पत्राचार की संचिकाएं, डायट, मध्याह्न भोजन, विभागीय पत्राचार, छात्रवृत्ति, पोशाक, योगदान एवं विरमित से संबंधित संचिकाएं, जलकर राख हो गईं। इधर, बीईओ मो. ईशा ने बताया कि जली फाइलों की सूची बनाकर थानाध्यक्ष एवं वरीय अधिकारी को दे दी गई है।
बीआरपी व एकाउटेंट पर गिरेगी गाज

मीनापुर के तीन बीआरपी व एकाउटेंट पर गाज गिरेगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इनसे जवाब-तलब किया है। अगलगी कांड में बीआरपी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। साथ ही एकाउंटेंट नौ नवंबर से गायब हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि एकाउंटेंट को चुनाव कार्य से 9 नवंबर को विरमित किया गया था लेकिन अब तक उन्होंने मीनापुर बीआरसी में योगदान नहीं दिया है।

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