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नहीं हटाए गए अमान्य संस्थानों के सर्टिफिकेट पर बहाल शिक्षक

रोहतास। शिक्षा विभाग यह भी स्पष्ट नहीं कर सका है कि फर्जी शिक्षकों की बहाली मामले में कौन बड़ा है। कोर्ट, सरकार, विभागीय अधिकारी या नियोजन इकाई। विभागीय निर्देश के बाद भी अमान्य शिक्षण संस्थानों के सर्टिफिकेट पर जिले नियोजित लगभग तीन सौ से अधिक शिक्षकों को अब तक नहीं हटाया जा सका है।
अधिकारी व नियोजन इकाई एक दूसरे पर तोहमत मढ़ प्रत्येक माह सरकार के लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं।
विभागीय सूत्रों की मानें तो न्यायालय के आदेश पर नव भारत शिक्षा परिषद उड़ीसा, भारतीय शिक्षा परिषद लखनऊ व मध्य भारत माध्यमिक शिक्षा मंडल ग्वालियर के अलावे कुछ अन्य संस्थान को अमान्य घोषित कर उससे निर्गत प्रमाणपत्र को जाली करार दिया गया था। साथ ही डीइओ को इन संस्थानों के प्रमाणपत्रों पर नियोजित शिक्षकों को हटाते हुए अन्य कार्रवाई का निर्देश दिया गया था। सरकार के निर्देश पर विभाग ने कुछ माह तक इन शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगाई थी। लेकिन हाल के महीना में वेतन निर्धारण की आड़ में विभाग ने इन शिक्षकों को वेतन भुगतान कर दिया है। इसके पीछे इकाई से लेकर विभागीय अधिकारी व बाबू की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। अमान्य संस्थानों के सर्टिफिकेट पर सबसे अधिक शिक्षक डेहरी प्रखंड में कार्यरत हैं। जहां ऐसे शिक्षकों की संख्या तकरीबन 30 है। इसी तरह जिले के अन्य प्रखंडों में जाली सर्टिफिकेट पर नियोजित शिक्षक कार्यरत हैं, जिन्हें हटाने की बजाए वेतन का भुगतान किया जा रहा है।
बिक्रमगंज के बीइओ ने चिह्नित पांच शिक्षकों की सूची अग्रतर कार्रवाई हेतु डीइओ को भेजी है। जिसमें नव स्थापित प्राथमिक विद्यालय सुरेंद्रपुर की ¨रकी कुमारी, मध्य विद्यालय दुर्गाडीह के केदार ¨सह, प्राथमिक विद्यालय जाल्हा के सुदामा पांडेय, मध्य विद्यालय गोटपा के कमल किशोर ¨सह व उर्दू प्राथमिक विद्यालय जोन्हीं के अरुण कुमार तिवारी शामिल हैं। रिकी व केदार का प्रमाणपत्र नव भारत शिक्षा परिषद उड़ीसा से निर्गत है। जबकि अन्य तीन का सर्टिफिकेट नई शिक्षा दिल्ली बोर्ड से निर्गत है।
कहते हैं अधिकारी :
अमान्य शिक्षण संस्थानों से निर्गत सर्टिफिकेट पर नियोजित शिक्षकों को हटाने संबंधी विभागीय निर्देश की जानकारी नहीं है। वैसे नियोजित शिक्षकों को हटाने की जिम्मेदारी नियोजन इकाई की है। यदि ऐसा निर्देश होगा तो उचित कदम उठाए जाएंगे।

दिवेश चौधरी, डीपीओ स्थापना, शिक्षा विभाग

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