बक्सर। फर्जी नियोजित शिक्षकों को स्वेच्छा से इस्तीफा देकर क्षमादान प्राप्त करने का हाईकोर्ट ने एक और मौका प्रदान किया है। ताकि, शिक्षक कार्रवाई से बच सकें। लेकिन, वे इसको लेकर उधेड़बुन में फंसे हुए हैं। क्या करें क्या न करें, नौकरी से त्यागपत्र दें या देखें आगे होता है क्या, शिक्षक इसी गुत्थी को सुलझाने में लगे हुए हैं।
दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है कि शिक्षकों को मैनेज की संस्कृति लुभा रही है। वे सोच रहे हैं कि निगरानी को भी मैनेज कर लिया जायेगा। लेकिन, विभागीय सूत्र बताते हैं कि ऐसा कतई संभव नहीं होगा। आज नहीं तो कल फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई होना तय है। चूंकि, इसकी मानीटरिंग हाईकोर्ट कर रहा है।
ऐसे में बचने की संभावना न के बराबर है। जाहिर सी बात है पहली बार क्षमादान के लिए शिक्षकों को मौका दिये जाने के उपरांत जिले के 43 शिक्षकों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया। लेकिन, ऐसा नहीं कि जिले में यह संख्या इतनी भर है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि आधा नहीं तो उससे कम भी नहीं होगी फर्जी शिक्षकों की संख्या। अब वास्तविकता चाहे जो हो लेकिन, इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि शिक्षक अभी भी उधेड़बुन में फंसे हैं। अब कोर्ट ने एक और मौका दिया है तो देखना है कि फर्जी शिक्षक क्या कदम उठाते हैं।
ऐसे में बचने की संभावना न के बराबर है। जाहिर सी बात है पहली बार क्षमादान के लिए शिक्षकों को मौका दिये जाने के उपरांत जिले के 43 शिक्षकों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया। लेकिन, ऐसा नहीं कि जिले में यह संख्या इतनी भर है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि आधा नहीं तो उससे कम भी नहीं होगी फर्जी शिक्षकों की संख्या। अब वास्तविकता चाहे जो हो लेकिन, इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि शिक्षक अभी भी उधेड़बुन में फंसे हैं। अब कोर्ट ने एक और मौका दिया है तो देखना है कि फर्जी शिक्षक क्या कदम उठाते हैं।
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