बांका। नौ जुलाई तक आओ और फर्जी शिक्षक क्षमादान पाओ का ऑफर बांका में काम कर गया है। सोमवार को एकाएक इस्तीफा ने गति पकड़ ली। केवल बांका प्रखंड से ही छह शिक्षकों का इस्तीफा आया। बीईओ ने इसे नियोजन सचिव से स्वीकृत कराने के बाद डीपीओ स्थापना को सूचना दी है।
इस तरह बांका में इस्तीफा सौंपने वाले शिक्षकों की संख्या एक दर्जन से अधिक हो गयी है। इस्तीफा सौंपने वाले सभी शिक्षक प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के शिक्षक हैं। मालूम हो कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने फर्जी शिक्षकों को स्वेच्छा से पद छोड़ने के लिए नौ जुलाई की शाम पांच बजे तक का वक्त दिया है। इसके बाद प्राप्त इस्तीफा पर विभाग इस ऑफर को प्रभावी नहीं करेगा। ऑफर के मुताबिक इस्तीफा देने वाले शिक्षकों पर सरकार ना कोई कानूनी कार्रवाई करेगी ना ही ऐसे शिक्षकों से राशि वसूल की जाएगी। वैसे शिक्षकों के प्रमाण पत्र सत्यापन की निगरानी जांच जारी है। निर्धारित तिथि तक इस्तीफा नहीं देने पर जांच में पकड़े गये फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उनसे वेतन आदि मद में उठायी गयी राशि भी वापस करायी जाएगी।
दो दिन में सौ पार कर सकती है संख्या
त्यागपत्र ऑफर का आखिरी तीन दिन बचा होने के कारण अब इसकी संख्या तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। सोमवार को भी जिला के विभिन्न प्रखंड मुख्यालयों में दो दर्जन से अधिक ऐसे शिक्षक देखे गये, जो इस्तीफा का मन बना चुके हैं। वे इसकी कानूनी प्रक्रिया में जुटे हैं। संभावना है कि अंतिम तीन दिन में इसकी संख्या सौ पार भी कर सकती है। जानकारी के अनुसार बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षक अपना चेहरा छुपाने के लिए डाक से त्यागपत्र भेज रहे हैं।
त्यागपत्र देने वाले वाले में 12 साल से एक महीना वाला भी
हाईकोर्ट ऑफर में त्यागपत्र देने वाले में 12 साल की नौकरी पूरी करने वाले एक महीने की नौकरी वाले भी शामिल हैं। धोरैया सीताचक की शिक्षिका अरूणा कुमारी एक नवंबर 2003 से ही नौकरी कर ही है। इसी तरह बांका के तेलिया पंचायत में त्यागपत्र देने वाले हीरामन सिंह ने 11 मई 2015 तथा हसाय के महादेव प्रसाद ने 13 मई 2015 को नौकरी पकड़ी थी। यानि इस दोनों शिक्षकों ने अभी एक रूपया वेतन भी नहीं उठाया था।
इस्तीफा देने वाले शिक्षक
अमित कुमार-रामपुर-बांका
सदानंद पटेल- करजना-बांका
अरूण कु मंडल-सिमराकोला-बांका
अखिलेश कुमार-गोवाबखार- बांका
रीता कुमारी-नोनियावसार-बांका
हीरामन सिंह-महुआडीह-बांका
अरूणा कुमारी बेबी-सीताचक-धोरैया
महादेव प्रसाद-हसाय-धोरैया
प्रदीप कुमार मंडल-नवादा बाजार-रजौन
प्रसून पंत- गडुवा-चांदन
लक्ष्मी कुमारी- सिलजोरी-चांदन
मनोज कुमार-कटसकरा-चांद न
क्या कहते हैं अधिकारी
कानूनी कार्रवाई से बेहतर है कि ऐसे शिक्षक त्यागपत्र दें। त्यागपत्र नहीं देने पर निगरानी जांच के बाद उन पर कार्रवाई होगी। तब उन्हें 20 साल की सजा हो सकती है। सामाजिक प्रतिष्ठा का अलग हनन होगा। ऐसे शिक्षक अविलंब अपने नियोजन समिति सचिव को त्यागपत्र सौंपे। नियोजन समिति बीईओ के माध्यम से इसकी सूचना अविलंब उन्हें दें।
अब्दुल मोकीत, नोडल अधिकारी, निगरानी जांच सेल सह डीपीओ स्थापना
सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details
इस तरह बांका में इस्तीफा सौंपने वाले शिक्षकों की संख्या एक दर्जन से अधिक हो गयी है। इस्तीफा सौंपने वाले सभी शिक्षक प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के शिक्षक हैं। मालूम हो कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने फर्जी शिक्षकों को स्वेच्छा से पद छोड़ने के लिए नौ जुलाई की शाम पांच बजे तक का वक्त दिया है। इसके बाद प्राप्त इस्तीफा पर विभाग इस ऑफर को प्रभावी नहीं करेगा। ऑफर के मुताबिक इस्तीफा देने वाले शिक्षकों पर सरकार ना कोई कानूनी कार्रवाई करेगी ना ही ऐसे शिक्षकों से राशि वसूल की जाएगी। वैसे शिक्षकों के प्रमाण पत्र सत्यापन की निगरानी जांच जारी है। निर्धारित तिथि तक इस्तीफा नहीं देने पर जांच में पकड़े गये फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उनसे वेतन आदि मद में उठायी गयी राशि भी वापस करायी जाएगी।
दो दिन में सौ पार कर सकती है संख्या
त्यागपत्र ऑफर का आखिरी तीन दिन बचा होने के कारण अब इसकी संख्या तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। सोमवार को भी जिला के विभिन्न प्रखंड मुख्यालयों में दो दर्जन से अधिक ऐसे शिक्षक देखे गये, जो इस्तीफा का मन बना चुके हैं। वे इसकी कानूनी प्रक्रिया में जुटे हैं। संभावना है कि अंतिम तीन दिन में इसकी संख्या सौ पार भी कर सकती है। जानकारी के अनुसार बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षक अपना चेहरा छुपाने के लिए डाक से त्यागपत्र भेज रहे हैं।
त्यागपत्र देने वाले वाले में 12 साल से एक महीना वाला भी
हाईकोर्ट ऑफर में त्यागपत्र देने वाले में 12 साल की नौकरी पूरी करने वाले एक महीने की नौकरी वाले भी शामिल हैं। धोरैया सीताचक की शिक्षिका अरूणा कुमारी एक नवंबर 2003 से ही नौकरी कर ही है। इसी तरह बांका के तेलिया पंचायत में त्यागपत्र देने वाले हीरामन सिंह ने 11 मई 2015 तथा हसाय के महादेव प्रसाद ने 13 मई 2015 को नौकरी पकड़ी थी। यानि इस दोनों शिक्षकों ने अभी एक रूपया वेतन भी नहीं उठाया था।
इस्तीफा देने वाले शिक्षक
अमित कुमार-रामपुर-बांका
सदानंद पटेल- करजना-बांका
अरूण कु मंडल-सिमराकोला-बांका
अखिलेश कुमार-गोवाबखार- बांका
रीता कुमारी-नोनियावसार-बांका
हीरामन सिंह-महुआडीह-बांका
अरूणा कुमारी बेबी-सीताचक-धोरैया
महादेव प्रसाद-हसाय-धोरैया
प्रदीप कुमार मंडल-नवादा बाजार-रजौन
प्रसून पंत- गडुवा-चांदन
लक्ष्मी कुमारी- सिलजोरी-चांदन
मनोज कुमार-कटसकरा-चांद न
क्या कहते हैं अधिकारी
कानूनी कार्रवाई से बेहतर है कि ऐसे शिक्षक त्यागपत्र दें। त्यागपत्र नहीं देने पर निगरानी जांच के बाद उन पर कार्रवाई होगी। तब उन्हें 20 साल की सजा हो सकती है। सामाजिक प्रतिष्ठा का अलग हनन होगा। ऐसे शिक्षक अविलंब अपने नियोजन समिति सचिव को त्यागपत्र सौंपे। नियोजन समिति बीईओ के माध्यम से इसकी सूचना अविलंब उन्हें दें।
अब्दुल मोकीत, नोडल अधिकारी, निगरानी जांच सेल सह डीपीओ स्थापना
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