सिधवलिया में 30 नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी
गोपालगंज : शिक्षक नियोजन के फर्जीवाड़े की जांच कर रही निगरानी की
जांच के दौरान सिधवलिया प्रखंड में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. डीइओ ने भी
फर्जी टीइटी प्रमाणपत्र को अनुमोदित करते हुए अपनी मुहर लगायी है.
डीइओ की मुहर लगने के बाद नियोजन इकाई ने फर्जी प्रमाणपत्र वाले
अभ्यर्थियों का शिक्षक के पद पर नियोजन किया है. निगरानी की जांच के दायरे
में अब जिला शिक्षा पदाधिकारी अशोक कुमार, पीओ अरुण कुमार ठाकुर तथा लिपिक
भी आ गये हैं.
जानकार सूत्रों ने बताया कि टीइटी प्रमाणपत्रों की सूची की जांच करने
के बाद उसका अनुमोदन डीइओ को करना था. 27 मार्च, 2015 को डीइओ के द्वारा
जिन अभ्यर्थियों के टीइटी का अनुमोदन किया गया है, उसमें सिर्फ सिधवलिया
प्रखंड में 30 शिक्षकों के टीइटी प्रमाणपत्र फर्जी पाये गये हैं. हैरत इस
बात कि है कि विभाग ने डीइओ एवं नियोजन इकाई को टीइटी पास करनेवाले
अभ्यर्थियों की सूची की सीडी उपलब्ध करा दी थी.
इसके अलावा विभाग की साइट पर भी सूची उपलब्ध थी. डीइओ ने अपने स्तर से
जांच-पड़ताल करने के बाद सूची का अनुमोदन किया. इस अनुमोदन पर अब सवाल
खड़ा हो गया है. जब सिधवलिया जैसे छोटे प्रखंड में 30 फर्जीवाड़े सामने आये
हैं, तो जिले के अन्य 13 प्रखंडों की जांच में कितना बड़ा फर्जीवाड़ा डीइओ
के अनुमोदन के बाद सामने आयेगा कहना मुश्किल है.
सेटिंग पर हुआ फर्जी टीइटी का अनुमोदन!
सिधवलिया प्रखंड में 30 फर्जी टीइटी का अनुमोदन डीइओ के द्वारा किये
जाने के बाद निगरानी के अधिकारियों के होश उड़ गये हैं. निगरानी जांच में
लगे अधिकारी मान रहे हैं कि इतने बड़े पैमाने पर फर्जी टीइटी का अनुमोदन
सेटिंग के अनुसार ही संभव है.
इतने बड़े पैमाने पर फर्जी टीइटी का अनुमोदन होना लिपिकीय भूल नहीं हो
सकती. चर्चाओं पर अगर यकीन करें, तो टीइटी प्रमाणपत्रों की जांच के लिए
डीइओ कार्यालय को माफिया अपने प्रभाव में लेकर सत्यापन कराने में सफल रहे
हैं. अनुमोदन के दौरान वेबसाइट और सीडी को देखना तक उचित नहीं समझा गया.
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