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नियोजन की प्रक्रिया के लिए कब तक चलेगा आंदोलन : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates

- दसवें दिन भी जारी रहा टीईटी पास आउट कैंडीडेट्स का उपवास
- टीचर्स ने कहा, डिमांड पूरा नहीं हुआ तो और तेज होगा आंदोलन
PATNA : टीईटी-एसटीईटी पास आउट स्टूडेंट्स का उपवास दसवें दिन भी जारी रहा. टीईटी-एसटीईटी पास आउट स्टूडेंट्स का आंदोलन लंबे समय से चल रहा है. इस समस्या का कोई स्थायी हल नहीं निकल पा रहा रहा है. राज्य सरकार या आंदोलन कर रहे टीचर्स के पास इस बारे में काई ठोस जानकारी भी नहीं है कि कितने कैंडीडेट्स का नियोजन नहीं हो पाया है. आंदोलन कर रहे विभिन्न संगठन के अनुसार स्टेट में करीब एक लाख कैंडीडेट्स का नियोजन नहीं हुआ है.

राजनीति कर रही है पॉलिटीकल पार्टियां
हर बार आंदोलन तेज होने के बाद स्टेट गवर्नमेंट की ओर से मिनिस्टर व ऑफिसर्स आंदोलन को समाप्त करने का आश्वासन दे देते हैं. आंदोलन के बाद वार्ता के लिए समय तो मिलता है, लेकिन वार्ता नतीजे तक नहीं पहुंच पाती. स्टेट में अक्टूबर-नवंबर के बीच आचार संहित लागू होना है. आचार संहित लागू होने से पहले यदि नियोजन की प्रक्रिया पूरी नहीं होती तो नियोजन की प्रक्रिया का निर्णय अगली सरकार पर निर्भर करेगा. वहीं वर्तमान में सभी पॉलिटीकल पार्टी हक दिलाने के नाम पर अपनी राजनीति कर रही है.
सरकार करे पहल
बिहार टीईटी पास स्टूडेंट्स यूनियन के प्रदेश संयोजक संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि स्कूलों में टीचर्स की कमी है. टीईटी पास स्टूडेंट्स वर्षो से नियोजन के लिए सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है. उन्होंने बताया कि स्टेट गवर्नमेंट ने अनुबंध वाले डॉक्टर्स, टोला सेवक, दलपति, रोजगार सेवक सहित कई संगठनों के समस्याओं को हल कर दिया गया है. नियोजित टीचर्स को सरकार वेतनमान भी देने वाली है. पर सरकार हमारी समस्या पर सकारात्मक पहल नहीं कर रही, आखिर क्यों?
वृषण पटेल पहुंचे मिलने
शनिवार को 'हम' के नेता पूर्व एजुकेशन मिनिस्टर वृषण पटेल टीईटी-एसटीईटी पास आउट कैंडीडेट्स से मिलने आर ब्लॉक स्थित उपवास स्थल पर पहुंचे. उन्होंने कैंडीडेट्स के डिमांड को जायज ठहराते हुए सरकार से जल्द से जल्द टीईटी-एसटीईटी पास आउट सभी कैंडीडेट्स का नियोजन करने का डिमांड किया. उन्होंने बताया कि सरकार के स्तर इस मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं होने के नियोजन पूरा नहीं हो पाया है. उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले में वर्तमान सरकार यदि एक्शन नहीं लेती तो हमारी सरकार इसे चुनावी मुद्दा बनाएगी.
ये है डिमांड
टीईटी पास आउट कैंडीडेट्स का प्रमुख डिमांड है कि स्टेट में टीईटी-एसटीईटी पास आउट सभी कैंडीडेट्स का नियोजन किया जाए. आरक्षित महिला की खाली रह रही सीटों पर सामन्य कैंडीडेट्स की बहाली हो. नियोजन की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाए. जिला वाइज या प्रखंड वाइज फॉर्म के बजाय एक कैंडीडेट एक फार्म की प्रक्रिया को विकसित किया जाए.
खाली हो रही हैं सीटें
स्टेट में फर्जी टीचर्स पर हाईकोर्ट के रूख के बाद स्टेट में बड़ी संख्या में नियोजित टीचर्स स्वयं रिजाइन कर रहे हैं. इसके बाद अनुमान है कि विजलेंस जांच में भी फर्जी शिक्षक पकड़े जाएंगे.


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