पटना हाइकोर्ट ने दिया शिक्षकों की सेवा बहाली का आदेश
कोर्ट ने बीडीओ के आदेश को गैर कानूनी करार देते हुए किया निरस्त
बीडीओ ने किया था सात शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त
मनोज कुमार, सीतामढ़ी : सोनबरसा के बर्खास्त सात प्रखंड शिक्षकों की सेवा फिर से बहाल होगी। पटना हाइकोर्ट ने बर्खास्त शिक्षकों द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए जहां सभी सात बर्खास्त शिक्षकों की सेवा बहाली का आदेश दिया है, वहीं सोनबरसा बीडीओ के वर्खास्तगी के आदेश को गलत करार दिया है।
क्या था मामला : प्रमाण पत्र गलत होने के आरोप में 11 जुलाई 2011 को सोनबरसा बीडीओ ने मानव संसाधन विकास विभाग के आदेश के आलोक में प्रखंड शिक्षिका नीतू कुमारी, प्रमिला देवी, रेणु देवी, रिता कुमारी, रागिनी कुमारी, कुमारी खुशबू व लक्ष्मण राम को सेवा से बर्खास्त कर दिया था। इसके खिलाफ बर्खास्त शिक्षकों की ओर से पटना हाइकोर्ट में रिट याचिका संख्या 16278 दायर की गई। मामले में न केवल बिहार सरकार, बल्कि मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव, मुख्य सचिव, निदेशक प्राथमिक शिक्षा, जिला शिक्षा अधीक्षक, डीएम, डीपीओ व बीडीओ सोनबरसा को आरोपी बनाया गया। मामले को लेकर अधिवक्ता विनोद कुमार ने हाइकोर्ट में दलील में कहा कि शिक्षकों का प्रमाण पत्र बोर्ड आफ हाइअर सर्टिफिकेट दिल्ली का है। जो मान्यता प्राप्त संस्थान है और इसे भारत सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग के आप्त सचिव द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। वकील की दलील पर हाइकोर्ट के न्यायधीश रमेश कुमार दत्ता की खंडपीठ ने 23 दिसंबर को एतिहासिक फैसला सुनाते हुए बर्खास्त शिक्षकों को सभी सरकारी लाभ के साथ सेवा बहाल करने का आदेश दिया। हाइकोर्ट ने बीडीओ के बर्खास्तगी संबंधी आदेश को गैर कानूनी करार देते हुए निरस्त भी कर दिया।
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बीडीओ ने किया था सात शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त
मनोज कुमार, सीतामढ़ी : सोनबरसा के बर्खास्त सात प्रखंड शिक्षकों की सेवा फिर से बहाल होगी। पटना हाइकोर्ट ने बर्खास्त शिक्षकों द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए जहां सभी सात बर्खास्त शिक्षकों की सेवा बहाली का आदेश दिया है, वहीं सोनबरसा बीडीओ के वर्खास्तगी के आदेश को गलत करार दिया है।
क्या था मामला : प्रमाण पत्र गलत होने के आरोप में 11 जुलाई 2011 को सोनबरसा बीडीओ ने मानव संसाधन विकास विभाग के आदेश के आलोक में प्रखंड शिक्षिका नीतू कुमारी, प्रमिला देवी, रेणु देवी, रिता कुमारी, रागिनी कुमारी, कुमारी खुशबू व लक्ष्मण राम को सेवा से बर्खास्त कर दिया था। इसके खिलाफ बर्खास्त शिक्षकों की ओर से पटना हाइकोर्ट में रिट याचिका संख्या 16278 दायर की गई। मामले में न केवल बिहार सरकार, बल्कि मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव, मुख्य सचिव, निदेशक प्राथमिक शिक्षा, जिला शिक्षा अधीक्षक, डीएम, डीपीओ व बीडीओ सोनबरसा को आरोपी बनाया गया। मामले को लेकर अधिवक्ता विनोद कुमार ने हाइकोर्ट में दलील में कहा कि शिक्षकों का प्रमाण पत्र बोर्ड आफ हाइअर सर्टिफिकेट दिल्ली का है। जो मान्यता प्राप्त संस्थान है और इसे भारत सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग के आप्त सचिव द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। वकील की दलील पर हाइकोर्ट के न्यायधीश रमेश कुमार दत्ता की खंडपीठ ने 23 दिसंबर को एतिहासिक फैसला सुनाते हुए बर्खास्त शिक्षकों को सभी सरकारी लाभ के साथ सेवा बहाल करने का आदेश दिया। हाइकोर्ट ने बीडीओ के बर्खास्तगी संबंधी आदेश को गैर कानूनी करार देते हुए निरस्त भी कर दिया।
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मनोज कुमार, सीतामढ़ी : सोनबरसा के बर्खास्त सात प्रखंड शिक्षकों की सेवा फिर से बहाल होगी। पटना हाइकोर्ट ने बर्खास्त शिक्षकों द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए जहां सभी सात बर्खास्त शिक्षकों की सेवा बहाली का आदेश दिया है, वहीं सोनबरसा बीडीओ के वर्खास्तगी के आदेश को गलत करार दिया है।
क्या था मामला : प्रमाण पत्र गलत होने के आरोप में 11 जुलाई 2011 को सोनबरसा बीडीओ ने मानव संसाधन विकास विभाग के आदेश के आलोक में प्रखंड शिक्षिका नीतू कुमारी, प्रमिला देवी, रेणु देवी, रिता कुमारी, रागिनी कुमारी, कुमारी खुशबू व लक्ष्मण राम को सेवा से बर्खास्त कर दिया था। इसके खिलाफ बर्खास्त शिक्षकों की ओर से पटना हाइकोर्ट में रिट याचिका संख्या 16278 दायर की गई। मामले में न केवल बिहार सरकार, बल्कि मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव, मुख्य सचिव, निदेशक प्राथमिक शिक्षा, जिला शिक्षा अधीक्षक, डीएम, डीपीओ व बीडीओ सोनबरसा को आरोपी बनाया गया। मामले को लेकर अधिवक्ता विनोद कुमार ने हाइकोर्ट में दलील में कहा कि शिक्षकों का प्रमाण पत्र बोर्ड आफ हाइअर सर्टिफिकेट दिल्ली का है। जो मान्यता प्राप्त संस्थान है और इसे भारत सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग के आप्त सचिव द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। वकील की दलील पर हाइकोर्ट के न्यायधीश रमेश कुमार दत्ता की खंडपीठ ने 23 दिसंबर को एतिहासिक फैसला सुनाते हुए बर्खास्त शिक्षकों को सभी सरकारी लाभ के साथ सेवा बहाल करने का आदेश दिया। हाइकोर्ट ने बीडीओ के बर्खास्तगी संबंधी आदेश को गैर कानूनी करार देते हुए निरस्त भी कर दिया।
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