गया:
शिक्षा विभाग में चौंकानेवाले फर्जीवाड़े का एक नया चेहरा सामने आया है.
फूफेरी बहन के नाम पर शिक्षक की नौकरी कर रही संजू नामक एक महिला को पकड़ा
गया है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(स्थापना) डॉ प्रियनंदन प्रसाद ने संजू को
बरखास्त करने व उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जारी किया है.
गुरूआ प्रखंड के देवरिया गांव की संजू अपने ही गांव के मिडिल स्कूल में
2006 से पढ़ा रही है.जांच में पाया गया है कि गुरुआ के केरकी गांव के रामलखन सिंह ने अपनी
एकमात्र बेटी प्रतिमा की शादी गुरारू थाने के महिमापुर गांव के कृष्ण कुमार
अकेला से की थी.
प्रतिमा 1990 में समता उच्च विद्यालय क्रांति गुरारू से सकेंड डिवीजन
से मैट्रिक पास की थी. पता चला है कि प्रतिमा की ममेरी बहन संजू 1991 में
सगाही हाइस्कूल से मैट्रिक की परीक्षा दी, लेकिन पास नहीं हो सकी. संजू
गुरूआ में लालगढ़ के रहनेवाले प्रतिमा के मामा देवनंदन प्रसाद की दूसरी
बेटी है. इसकी शादी देवरिया गांव के शंभू शरण सिंह से हुई है. 2006 में जब
शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया शुरू हुई, तो संजू अपने आपको अयोग्य समझ फूफेरी
बहन प्रतिमा से समझौता कर उसका सर्टिफिकेट हासिल कर शिक्षक बन गयी.
20 मई 2013 को प्रतिमा की मौत हो गयी. इसके बाद वह अपनी बहन से हुए
पुराने समझौते को मानने से इनकार कर दी और मानदेय की आधी रकम प्रतिमा के
पति को देना बंद कर दी. यहीं से विवाद उत्पन्न हुआ. एक-एक कर संजू के विरोध
में संबंधित अधिकारियों को कई आवेदन दिये गये. लेकिन, पैरवी-पहुंच के बल
पर वह नौकरी करती रही. मामला डीएम व शिक्षा विभाग के उच्चधिकारियों के पास
पहुंच गया. बाद में जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देश पर कार्यक्रम
पदाधिकारी अरुण मिश्र द्वारा की गयी जांच में आरोप सही निकला. जिला
कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) डॉ प्रसाद ने प्रतिमा कुमारी उर्फ संजू को
बरखास्त करने व उसके विरुद्ध गुरुआ थाने में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश
प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई, गुरुआ को दिया है.
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