पटनाजिले के उच्च और माध्यमिक स्कूलों के करीब 550 शिक्षक वर्षों से नदारद
हैं। इनके वर्षों से अनुपस्थित रहने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। हद
तो यह है कि तीन-चार-पांच साल के बाद अनुपस्थित शिक्षकों के लौटकर आने के
बाद भी कार्यालय द्वारा सब कुछ मैनेज कर दिया जाता है।
बड़े पैमाने पर स्कूलों में शिक्षकों के त्यागपत्र के बाद योगदान का खेल चल रहा है। यह अनियमितता डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने शिक्षा विभाग की समीक्षा में पकड़ी है। ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए जिलाधिकारी ने 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो जिला शिक्षा पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही डीएम ने निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।
नईरिक्तियां प्रभावित
समीक्षाके दौरान पांच सौ से अधिक शिक्षक मात्र उच्च एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में मिले हैं, जबकि प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में इनकी संख्या एक हजार से पार कर सकती है। इस पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया है। जिलाधिकारी ने पाया कि इसके कारण नई रिक्तियां भी प्रभावित हो रही हैं। कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं पर असर पड़ रहा है। कई महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक का पद खाली है।
लापताकी सूची होगी सार्वजनिक : गायबशिक्षकों का पक्ष जानने के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं की सूची समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के लिए डीएम ने निर्देश दिया है। सभी विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया है कि अगले एक सप्ताह के अंदर तीन माह से अनुपस्थित शिक्षक, शिक्षिकाओं की सूची उपलब्ध कराएं, नहीं तो उनकी मिलीभगत मानी जाएगी। अनुपस्थित शिक्षकों त्यागपत्र देने वालों की संख्या 538 एवं पुस्तकालयाध्यक्ष द्वारा त्याग पत्र देने तथा अनुपस्थित रहनेवालों की संख्या 36 है। इनमें तीन नगर निकायों से प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हो सका है। उनसे प्रतिवेदन प्राप्त होने पर इनकी संख्या और बढ़ जाएगी।
क्या कहते हैं आंकड़े
नियोजन इकाई अनुपस्थित
शिक्षक
पटनानगर निगम 168
जिला परिषद पटना 291
नगर परिषद मोकामा 22
नगर परिषद बाढ़ 07
नगर परिषद खगौल 07
नगर पंचायत मनेर 17
नगर पंचायत बख्तियारपुर 02
नगर पंचायत खुसरूपुर 12
नगर पंचायत फतुहा 12
कुल538
पुस्तकालयाध्यक्ष
नगरनिगम 04
जिला परिषद 26
नगर परिषद मोकामा 01
नगर परिषद बाढ़ 01
नगर परिषद खगौल 02
नगर पंचायत मनेर 01
नगर पंचायत फतुहा 01
कुल36
त्यागपत्र को गायब कर फिर से योगदान का खेल
डीएमने बताया कि इनमें से 300 लोगों का त्यागपत्र कार्यालय में लंबित है। जिला परिषद अध्यक्ष और नगर निगम, नगर पंचायत द्वारा स्वीकार नहीं किया जा रहा है। समीक्षा के दौरान सामने आया है कि तीन-चार साल के बाद ऐसे शिक्षकों को लौटने के बाद त्यागपत्र गायब कर देते हैं तथा उन्हें पुनः योगदान कराने की कोशिश करते हैं। डीएम ने आरोप लगाया है कि स्थानीय निकायों नगर निगम, जिला परिषद, नगर पंचायत और नगर परिषद अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्रवाई में रुचि नहीं ले रहे हैं। शिक्षा विभाग का स्पष्ट आदेश है कि तीन माह से अधिक अनुपस्थित रहने वाले शिक्षक की सेवा समाप्त होगी, लेकिन जिला परिषद और नगर निगमों पंचायतों में वैसे शिक्षकों को मैनेज करने का खेल चल रहा है।
बड़े पैमाने पर स्कूलों में शिक्षकों के त्यागपत्र के बाद योगदान का खेल चल रहा है। यह अनियमितता डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने शिक्षा विभाग की समीक्षा में पकड़ी है। ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए जिलाधिकारी ने 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो जिला शिक्षा पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही डीएम ने निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।
नईरिक्तियां प्रभावित
समीक्षाके दौरान पांच सौ से अधिक शिक्षक मात्र उच्च एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में मिले हैं, जबकि प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में इनकी संख्या एक हजार से पार कर सकती है। इस पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया है। जिलाधिकारी ने पाया कि इसके कारण नई रिक्तियां भी प्रभावित हो रही हैं। कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं पर असर पड़ रहा है। कई महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक का पद खाली है।
लापताकी सूची होगी सार्वजनिक : गायबशिक्षकों का पक्ष जानने के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं की सूची समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के लिए डीएम ने निर्देश दिया है। सभी विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया है कि अगले एक सप्ताह के अंदर तीन माह से अनुपस्थित शिक्षक, शिक्षिकाओं की सूची उपलब्ध कराएं, नहीं तो उनकी मिलीभगत मानी जाएगी। अनुपस्थित शिक्षकों त्यागपत्र देने वालों की संख्या 538 एवं पुस्तकालयाध्यक्ष द्वारा त्याग पत्र देने तथा अनुपस्थित रहनेवालों की संख्या 36 है। इनमें तीन नगर निकायों से प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हो सका है। उनसे प्रतिवेदन प्राप्त होने पर इनकी संख्या और बढ़ जाएगी।
क्या कहते हैं आंकड़े
नियोजन इकाई अनुपस्थित
शिक्षक
पटनानगर निगम 168
जिला परिषद पटना 291
नगर परिषद मोकामा 22
नगर परिषद बाढ़ 07
नगर परिषद खगौल 07
नगर पंचायत मनेर 17
नगर पंचायत बख्तियारपुर 02
नगर पंचायत खुसरूपुर 12
नगर पंचायत फतुहा 12
कुल538
पुस्तकालयाध्यक्ष
नगरनिगम 04
जिला परिषद 26
नगर परिषद मोकामा 01
नगर परिषद बाढ़ 01
नगर परिषद खगौल 02
नगर पंचायत मनेर 01
नगर पंचायत फतुहा 01
कुल36
त्यागपत्र को गायब कर फिर से योगदान का खेल
डीएमने बताया कि इनमें से 300 लोगों का त्यागपत्र कार्यालय में लंबित है। जिला परिषद अध्यक्ष और नगर निगम, नगर पंचायत द्वारा स्वीकार नहीं किया जा रहा है। समीक्षा के दौरान सामने आया है कि तीन-चार साल के बाद ऐसे शिक्षकों को लौटने के बाद त्यागपत्र गायब कर देते हैं तथा उन्हें पुनः योगदान कराने की कोशिश करते हैं। डीएम ने आरोप लगाया है कि स्थानीय निकायों नगर निगम, जिला परिषद, नगर पंचायत और नगर परिषद अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्रवाई में रुचि नहीं ले रहे हैं। शिक्षा विभाग का स्पष्ट आदेश है कि तीन माह से अधिक अनुपस्थित रहने वाले शिक्षक की सेवा समाप्त होगी, लेकिन जिला परिषद और नगर निगमों पंचायतों में वैसे शिक्षकों को मैनेज करने का खेल चल रहा है।