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शिक्षा का हाल बेहाल, कमरे के अभाव में पेड़ के नीचे पढ़ने को विवश बच्चे

DARBHANGA : शिक्षा के विकास के लिए हर साल करोड़ों की योजनाएं बनती हैं। बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए साइकिल, पोशाक सहित कई योजनाएं चल रही हैं।

लेकिन जब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात आती है तो सब कुछ हवा-हवाई साबित होता है। इसका अंदाजा केवटी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय मोहनपुर की शिक्षा व्यवस्था देखकर सहज ही लगाया जा सकता है।
कमरे के मामले में इस विद्यालय की स्थिति काफी दयनीय है। यहां कुल तीन कमरे हैं जिसमें दो कमरे क्षतिग्रस्त व एक कमरे में कार्यालय है। कमरे के अभाव में बच्चे खुले आकाश में पेड़ के नीचे या बरामदे पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। वर्ष 1973 में स्थापित इस विद्यालय में वर्ग एक से पांच तक में नामांकित 120 बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रघान शिक्षिका समेत तीन शिक्षक कार्यरत हैं।
बच्चे घर से बोरा तथा पटिया लेकर आते है और जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते है। विद्यालय की दक्षिण दिशा स्थित तालाब की चहारदिवारी नहीं रहने से किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है। तीन में दो शौचालय बेकार हैं। मध्याह्न भोजन बनाने के लिए यहां किचेन शेड उपलब्ध है।
प्रधान शिक्षिका नूतन कुमारी ने बताया कि कमरों की कमी तथा अन्य समस्याओं से विभाग के वरीय अघिकारी को अवगत कराया गया है। सरकारी आदेशों का पूरी तरह पालन करने के साथ . साथ मेन्यू के मुताबिक बच्चों को मध्याहन भोजन व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिया जा रहा है। 

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