Random-Post

बिहार उच्चतर शिक्षा आयोग विधेयक पेश होगा बजट सत्र में

पटना: राज्य के विश्वविद्यालयों में अब बिहार लोक सेवा आयोग से नहीं, बल्कि बिहार उच्चतर शिक्षा आयोग से असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली होगी। राज्य सरकार बिहार विधानमंडल के बजट सत्र में बिहार उच्चतर शिक्षा आयोग विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। शिक्षा विभाग इसे तैयार करने में जुट गया है
सरकार उत्तर प्रदेश के तर्ज पर इस आयोग का गठन करने जा रही है। उत्तर प्रदेश में आयोग के जरिए ही विश्वविद्यालयों के शिक्षकों की बहाली होती है। प्रदेश में फिलहाल बीपीएससी से विवि के असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली चल रही है। यह प्रक्रिया सितंबर 2014 से ही शुरू हुई, लेकिन अब तक पूरी नहीं हुई है। इसमें कई बार अड़चने भी आई। इस पर सरकार के साथ-साथ शिक्षा मंत्री भी कई बार नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।

पहले कैबिनेट से लेनी होगी मंजूरी
2016 में ही आयोग गठन की तैयारी शुरू कर दी गई थी और यूपी की तरह ही आयोग के गठन की आंतरिक रूप से सहमति भी बन गई है। बजट सत्र में आयोग के विधेयक आने से पहले राज्य सरकार अपने कैबिनेट से इसे मंजूर कराएगी। इसके बाद बिहार विधानमंडल में पेश किया जाएगा। विधानमंडल के दोनों सदनों से आयोग के विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद उसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

अप्रैल-मई से काम करने लगेगा आयोग 
बिहार उच्चतर शिक्षा आयोग विधेयक के राज्यपाल की ओर से मंजूर किए जाने के बाद आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी और अप्रैल-मई में इसके मूर्त रूप ले लिए जाने की उम्मीद है। इसके बाद जून-जुलाई महीने से नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। जिसमें यह आयोग नौ हजार से ज्यादा पदों पर विश्वविद्यालयों के असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली कर सकेगा। इसके लिए एक समय सीमा भी तय की जाएगी, ताकि विश्वविद्यालयों को समय पर असिस्टेंट प्रोफेसर मिल सके।

बनाए जा सकते हैं 10 से 15 सदस्य
आयोग में एक अध्यक्ष, एक सदस्य सचिव के अलावा करीब 10 से 15 सदस्य बनाए जा सकते हैं। इसमें अध्यक्ष पद पर किसी सेवानिवृत्त आइएएस जो शिक्षा से जुड़े रहे हैं या अच्छे जानकार हैं, उन्हें रखा जा सकता है। वहीं, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को सदस्य सचिव और विवि के वीसी, शिक्षा विभाग, राजभवन व अन्य शिक्षाविद् सदस्य होंगे।

Recent Articles