मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण में एक बीपीएससी शिक्षक की नौकरी चली गई। यह शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहा था। यह मामला उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय अठमुहान का है। सुबोध कुमार नाम के इस शिक्षक की नियुक्ति 2023 में 9वीं-10वीं कक्षा के लिए हुई थी। उस वक्त केके पाठक के बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव थे। इस फर्जीवाड़े के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
ऐसे पकड़ाया फर्जी शिक्षक
दरअसल, पूरा मामला तब खुला जब स्कूल के प्रधानाध्यापक (HM) ने शिक्षक के बीएड के प्रमाण पत्र पर संदेह जताया। उन्होंने इस प्रमाण पत्र को जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) के पास भेजा। डीईओ ने पत्र संख्या 235 के माध्यम से शिक्षक से स्पष्टीकरण मांगा। शिक्षक ने प्रमाण पत्र में सुधार के लिए समय मांगा। इसके बाद डीईओ ने फिर से पत्र संख्या 2654 के जरिए सभी प्रमाण पत्र मांगे।
फर्जी निकला सर्टिफिकेट
DEO ने शिक्षक के तकनीकी प्रमाण पत्र की जांच राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल से करवाई। भोपाल के उप नियंत्रक परीक्षा ने अपने पत्र संख्या 3023 में बताया कि सुबोध कुमार का नामांकन संख्या 0546EC101016 विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाता। जांच में शिक्षक का अंक पत्र फर्जी निकला।
और शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की होगी जांच
विश्वविद्यालय की रिपोर्ट आते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। यह साफ हो गया कि बीपीएससी की काउंसलिंग और प्रमाण पत्रों की जांच में गड़बड़ी हुई है। अब शिक्षा विभाग अन्य बीपीएससी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की भी जांच करने की तैयारी कर रहा है। कई और शिक्षक जांच के घेरे में हैं।