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Performance Grading School Index में Bihar नीचे से चौथे स्थान पर, 12 राज्यों में सबसे निम्न श्रेणी में दिखा शिक्षक-छात्र%

 केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से जारी प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई यानी Performance Grading Index)  2021-22 में बिहार को स्कूल एजूकेशन इंडेक्स में नीचे से चौथा स्थान मिला है। इस इंडेक्स में बिहार, झारखंड, असम और ओडिशा सहित कम से कम 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ग्रेड-2 (स्कोर 461 और 520 के बीच) प्राप्त किया। बिहार को 465 अंक मिले हैं।

भारतीय स्कूल शिक्षा प्रणाली में बेहतरी दिखाने का PGI एक माध्यम है। पीजीआई का लक्ष्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करना है। नई पीजीआई में 73 इंडिकेटर शामिल हैं, जो डिजिटल पहल और शिक्षक शिक्षा को शामिल करने के अलावा गुणात्मक मूल्यांकन पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं।

इस प्रकार पीजीआई के पिछले संस्करण में राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से प्राप्त ग्रेड,स्तर इस नए संस्करण में प्राप्त ग्रेड, स्तर से तुलनीय नहीं हैं। बिहार की ओर से मिले अंकों में सीखने के परिणाम और गुणवत्ता में 240 में से 64.4, छात्रों की हाजिरी में 80 में से 41.80, बुनियादी ढांचे और सुविधा में 190 में से 41.0, इक्विटी में 260 में से 218.4, शासन प्रक्रियाओं में 130 में से 39.1 शामिल हैं। शिक्षक शिक्षा और प्रशिक्षण में 100 में से 60.3।

पीजीआई में बिहार के खराब प्रदर्शन के कई कारणों की ओर संकेत किया गया है। लेकिन इसमें एक प्रमुख कारण छात्र और शिक्षकों का अनुपात है, यानी किसी भी राज्य में बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षक-छात्र अनुपात बेहतर होना चाहिए।

शिक्षकों की शिक्षा और प्रशिक्षण में राज्य को 100 में से 60.3 अंक मिले हैं। इस प्रकार ओवरऑल प्रदर्शन में बिहार की स्थिति पीजीआई के ग्रेड-2 में बेहद चिंताजनक है।ग्रेडिंग में नीचे से जो चार राज्य हैं उसमें अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम ही बिहार से पिछड़े हैं।

विभिन्न डोमेन के तहत बिहार को प्राप्त अंकों में सीखने के परिणामों और गुणवत्ता में राज्य ने 240 में से 64.4, स्कूली पहुंच में बिहार को 80 में से 41.80, बुनियादी ढांचे और सुविधा में 190 में से 41.0, इक्विटी में 260 में से 218.4, शासन प्रक्रियाओं में 130 में से 39.1 अंक मिले हैं।

ग्रेड-2 उन राज्यों को दिया जाता है जो कुल अंक का 11 से 20 प्रतिशत के बीच स्कोर करते हैं। इसमें बिहार से भी बदतर प्रदर्शन करने वाले और ग्रेड तीन में शामिल केवल तीन राज्य अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम ही हैं। इन राज्यों ने बिहार से कम स्कोर किया और उन्हें पीजीआई में ग्रेड -3 श्रेणी में रखा गया।

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