Bihar News: बिहार में शिक्षक भर्ती को लेकर माहौल अभी गर्म है। छात्र एक तरफ सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, तो वहीं बीजेपी शिक्षक भर्ती के नियमों को लेकर लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर है। वहीं बिहार विधानसभा में सोमवार (10 जुलाई) से मानसून सत्र शुरु होने जा रहा है, जो कि देखा जाए तो 14 जुलाई तक चलेगा। ऐसे में कहा जा रहा है कि इन पांच दिनों में बिहार सरकार को विपक्ष (भाजपा) शिक्षक भर्ती के मुद्दे पर घेर सकती है। वहीं बिहार के छात्र भी इस मानसून सेशन में क्या होने वाला है, इस बात की टकटकी लगाए हुए हैं।
शिक्षक भर्ती मुद्दे को लेकर Bihar विधानसभा में मच सकता है बवाल
बिहार विधानसभा में मानसून सत्र का शुरुआत होने वाली है। ऐसे में शिक्षक भर्ती का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। आशंका जताई जा रही है कि बिहार सरकार पर विपक्ष विधानसभा में हंगामा कर सकता है। ऐसे में नीतीश सरकार पहले से ही हाई अलर्ट मोड में नजर आ रही है। सूत्रों की मानें तो बिहार विधानसभा में मानसून सत्र सिर्फ 5 दिनों का होने वाला है। ऐसे में सरकार कैसे शिक्षक भर्ती के मुद्दे की सामना करेगी देखना होगा। सड़क से सदन तक हंगामा होने की कवायत लगाई जा रही है। ऐसे में नीतीश बाबू भी प्रशासन को मुस्तैद किए हुए हैं।
बिहार प्राथमिक शिक्षक भर्ती का पूरा मसला समझें
जानकारी के मुताबिक बिहार में प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए 79943 पदों पर बहाली निकाली गई थी। जिसके आवेदन अभी फिलहाल चल रहे हैं। ऐसे में बिहार की सरकार कुछ दिन पहले ही नियमों में बदलाव करते हुए डोमिसाइल का रूल हटा ली थी। जिसके बाद छात्रों ने विरोध करना शुरू कर दिया। उनका इस मुद्दे को लेकर यह कहना था कि बिहार सरकार वर्तमान शिक्षक भर्ती में पूर्ण रूप से बिहार डोमिसाइल नीति लागू करें। अब इससे होगा ये कि इस शिक्षक भर्ती में बाकी राज्यों के छात्र आवेदन नहीं कर पाएंगे और सिर्फ बिहार के छात्र ही इस भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा बन पाएंगे।
शिक्षक भर्ती को लेकर भाजपा (विपक्ष) ने टिप्पड़ी
नीतीश कुमार कैबिनेट के फैसले को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक संजय सारंगी का इस मुद्दे पर यह कहना है कि “डोमिसाइल रूल हटाने का फैसला बिहार के लाखों युवाओं के साथ धोखा और नाइंसाफी है। शिक्षक भर्ती को लेकर युवाओं को पहले ही संघर्ष करना पड़ा है। ऐसे में अब इस तरह का फैसला सही नहीं है जिसे सरकार को वापस लेना चाहिए।”