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कर्ज में डूबे शिक्षक ने अपहरण का रचा झूठा नाटक? बिहार पुलिस जांच में जुटी

 बिहार के बेगूसराय जिले के भेलवारा के रहने वाले कोचिंग शिक्षक अंकित की एक किराये के कमरे से बरामदगी होने के बाद पुलिस घटना के पीछे की हकीकत जानने में जुटी है. पुलिस की अबतक की जांच कर्ज में कोचिंग बंद होने से शिक्षक के कर्ज में डूबने, बकाया चुकता करने के लिए अपहरण का झूठा नाटक रचने या फिर छह लाख की फिरौती के लिए अपहरण करने के बिंदु पर टिकी है.

पटना. बिहार के बेगूसराय जिले के भेलवारा के रहने वाले कोचिंग शिक्षक अंकित की एक किराये के कमरे से बरामदगी होने के बाद पुलिस घटना के पीछे की हकीकत जानने में जुटी है. पुलिस की अबतक की जांच कर्ज में कोचिंग बंद होने से शिक्षक के कर्ज में डूबने, बकाया चुकता करने के लिए अपहरण का झूठा नाटक रचने या फिर छह लाख की फिरौती के लिए अपहरण करने के बिंदु पर टिकी है.

फिरौती के लिए शिक्षक का अपहरण होने के बाद पुलिस छापेमारी में जुटी थी. शनिवार की रात करीब पौने बारह बजे बंद कमरे के अंदर से शिक्षक ने चिल्लाना शुरू किया. बचाओ, बचाओ की आवाज सुनकर गार्ड व आसपास के लोगों ने इसकी सूचना पाटलिपुत्र थाने की पुलिस को दी. पुलिस मौके पर पहुंची तो कमरे का दरवाजा बाहर से बंद मिला और ताला लटका हुआ था. रौशनदान से झांककर देखने पर कमरे के अंदर एक युवक मौजूद है, जिसके हाथ रस्सी से बंधे हैं. मुंह पर टेप भी साटा गया था. ताला तोड़कर पुलिस कमरे में दाखिल हुई तो पूछताछ के दौरान पता चला कि जिस शिक्षक की फिरौती के लिए शास्त्रीनगर इलाके से अपहरण की बात सामने आई है, यह शख्स वही शिक्षक अंकित कुमार है. इसके बाद पुलिस उसे अपने साथ पाटलिपुत्र थाने ले गई.

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पुलिस को जांच में पता चला है कि जिस कमरे में शिक्षक को बंद कर रखा गया था, उस कमरे को एक शख्स द्वारा एक फरवरी को किराये पर लिया गया था. उक्त किरायेदार ने एक माह का आधा किराया दिया था जबकि शेष पैसे एक सप्ताह में देने की बात मकान मालिक से की थी. बुजुर्ग होने के कारण मकान मालिक मकान के प्रथम तल पर ही रहते हैं. बहुत जरूरत होने पर ही वह उतरकर नीचे आते थे. कमरा किराये पर किसने लिया था, पुलिस उस शख्स का भी पता लगाने में जुटी है.

पुलिस के मुताबिक शिक्षक अंकित पाटलिपुत्र के इंद्रपुरी रोड नंबर 5 स्थित एक कोचिंग में पढ़ाता है. पहले वह खुद कोचिंग चलाता था. बच्चों के कम होने से कर्जदार व मकान आदि का किराया अधिक बकाया होने पर उसने कोचिंग बंद कर दी. बाद में वह दूसरी कोचिंग में केमेस्ट्री पढ़ाने लगा. शिक्षक ने बताया कि शुक्रवार की रात उसे एक बच्चे को ट्यूशन पढ़ाने के लिए इंद्रपुरी रोड नंबर 7 बी स्थित बुजुर्ग अमन कुमार के मकान पर बुलाया गया. कोचिंग से करीब आधा किमी दूर स्थित दिए गए पते पर वह अपनी स्कूटी से पहुंचे. जहां मकान के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित एक कमरे में बंद कर अंकित के ही मोबाइल से फोन कर उसके पिता से फिरौती मांगी जाने लगी.

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पुलिस की मानें तो जांच में पता चला है कि वर्ष 2012 में अंकित घर से भाग गया था. बाद में वह वापस लौट आया था. सूत्रों की मानें तो उस दौरान भी शिक्षक ने खुद के अपहरण का नाटक रचा था. उस समय 50 हजार रुपये की फिरौती की बात कही गई थी. पता चला है कि इसके एवज में पिता ने उसे सात लाख रुपये दिए थे. पुलिस इसकी भी तहकीकात कर रही है.

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