शेखपुरा, जागरण संवाददाता। बिहार में शिक्षक बहाली के अजब-गजब किस्से पूरे देश में चर्चा पाते रहे हैं। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में ऐसे मामले खूब आते रहे हैं, जिनमें पता चला कि मास्टर साहब किसी और के प्रमाणपत्र पर
नौकरी करते रहे हैं। अब शेखपुरा जिले में एक शिक्षिका का ऐसा ही मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि शिक्षिका दूसरी टीचर के सर्टिफिकेट पर 18 वर्षों से सरकारी नौकरी कर रही है और वेतन-भत्ता भी ले रही है। यह मामला उजागर होने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शिक्षिका अनीता कुमारी को अपनी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। यह मामला तब सामने आया, जब असली अनीता कुमारी ने खुद सामने आकर इसकी शिकायत की। दिलचस्प यह है कि प्रमाणपत्रों की असली दावेदार अनीता भी एक स्कूल में शिक्षक हैं।18 वर्ष के वेतन की होगी वसूली
इस बाबत जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उक्त शिक्षिका को पत्र जारी किया है। 48 घंटे के भीतर स्थित स्पष्ट नहीं करने पर शिक्षिका अनीता कुमारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के साथ सेवा से हटाने और 18 वर्षों में लिए गए वेतन-भत्ते की वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। शिक्षा पदाधिकारी ने बताया यह मामला काफी गंभीर है,इसकी पूरी जांच की जा रही है। बताया गया अनीता कुमारी अभी शहरी क्षेत्र के इंदाय प्राथमिक विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं।
फर्जी अनीता का असली नाम है मंजू
इनपर नवादा जिला के वारिसलीगंज प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय बल्लोपुर की प्रभारी प्रधानाध्यापक अनीता कुमारी के सभी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करके 18 वर्षों से शेखपुरा जिला में नौकरी करने का आरोप है। जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह आवेदन नवादा की अनीता कुमारी एन स्वयं देकर इसका खुलासा किया है। नवादा की अनीता के सर्टिफिकेट पर शेखपुरा में नौकरी कर रही इस अनीता का वास्तविक नाम मंजू कुमारी बताया गया है। अनीता बनी मंजू शेखपुरा के कमासी निवासी रवींद्र प्रसाद कुशवाहा की पत्नी हैं।