प्राधिकार के आदेश के बाद शिक्षकों के वेतन का रास्ता साफ

 अगिआंव। संवाद सूत्र

बिहार राज्य शिक्षक अपीलीय प्राधिकार के आदेश के बाद शिक्षकों के वेतन भुगतान का रास्ता साफ हो गया है।

प्राधिकार ने सरकारी अपील खारिज कर दी है। मामला जिले के अगिआंव प्रखंड का है, जहां वर्ष 2008 के प्रखंड शिक्षक नियोजन का विवाद चल रहा था। इस संबंध में राज्य अपीलीय प्राधिकार में भोजपुर के डीईओ, डीपीओ स्थापना, अगिआंव बीडीओ व बीईओ ने जिला प्राधिकार के निर्णय के खिलाफ अपील दायर की थी। मामले की सुनवाई करते हुए प्राधिकार ने सरकारी अपील को खारिज करते हुए कहा है कि जिला प्राधिकार की ओर से दिये गये निर्णय के छह वर्ष के बाद अपील दायर की गई है। इस कारण इसे खारिज किया जाता है।

जिला प्राधिकार के सात साल पूर्व के फैसले पर लगी मुहर

प्रखंड शिक्षक नियोजन संबंधित इस मामले में जिला अपीलीय प्राधिकार ने 17 सितंबर, 2014 को अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके लिए अनिल सिंह व 11 अन्य अभ्यर्थियों ने केस दर्ज करते हुए वेतन का दावा करते हुए कहा था कि वे सभी विद्यालय में शिक्षण कार्य करते आ रहे हैं, लेकिन उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है। उनका यह भी कहना था कि उनकी विधिवत बहाली हुई फिर भी उन्हें वेतन से वंचित रखा गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला प्रधिकार ने वेतन भुगतान का निर्णय सुनाया था।

दूसरे चरण की बहाली का है मामला

प्रखंड में वर्ष 2008 में दूसरे चरण के शिक्षक नियोजन के तहत 109 पदों पर बहाली होनी थी। इसके लिए आवेदन पत्र जमा कराये गये, लेकिन तब से ही मामला विवादों के घेरे में है। बता दें कि इस मामले को ले निगरानी ब्यूरो की टीम भी प्रखंड कार्यालय तक जांच को आ चुकी है। तब तत्कालीन बीडीओ सन्नी सौरभ से निगरानी की टीम ने घंटों पूछताछ करते हुए शिक्षक नियोजन से संबंधित कई फाइलें खंगाली थी। हालांकि एक पक्ष का अब भी मानना है कि दूसरे चरण का शिक्षक नियोजन अगिआंव में हुआ ही नहीं।

पठन-पाठन को ले हेडमास्टर को दिया गया था आदेश


इस मामले में जिला प्रधिकार व हाई कोर्ट के आदेश पर डीपीओ स्थापना से लेकर अगिआंव बीडीओ तक सभी शिक्षकों का वेतन भुगतान करने को ले आदेश तो निकाला गया, लेकिन वेतन का भुगतान नहीं किया गया। वर्ष 2017 में डीपीओ ने एक पत्र बीडीओ के नाम जारी किया था। आदेश में कुल 24 शिक्षकों को विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य संचालित कराते हुए वर्ष 2011 से 2013 तक मानदेय भुगतान का जिक्र किया गया है। 21 अगस्त 2017 को अगिआंव बीडीओ सह नियोजन इकाई ने कार्यालय आदेश निकालते हुए हाई कोर्ट व प्रधिकार का जिक्र करते हुए 28 प्रधानध्यापक व अगिआंव बीईओ को पत्र देते हुए सभी उक्त शिक्षकों को विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य करवाते हुए उपस्थिति विवरणी उपलब्ध करवाने को आदेश दिया था। इसके बावजूद मामला ठंढे बस्ते में पड़े रहा। हालांकि राज्य प्रधिकार के निर्णय आने के बाद जिला से लेकर प्रखंड तक के पदाधिकारी इस मामले में बोलने से कतरा रहे हैं।

और नया पुराने

Popular Posts