रायपुर. छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर लंबे अरसे से सरकारी नौकरी करने वालों की अब खैर नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदेश दिया है कि ऐेसे सभी अधिकारी कर्मचारी जो फर्जी तथा गलत प्रमाणपत्र
के आधार पर नौकरी कर रहे हैं और उन्हें इस मामले में अदालत से स्टे नहीं मिला है, उन सभी को तत्काल सेवा से बर्खास्त कर दिया जाए। यही नहीं, मुख्यमंत्री का ये निर्देश भी है कि जिन लोगों ने अदालत से स्टे ले रखा है, उनके मामलों में शीघ्र सुनवाई के लिए हाईकोर्ट से आग्रह किया जाए। यानी देर सबेर स्टेधारी लोग भी नौकरी से बाहर किए जाएंगे।267 के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण, छानबीन समिति रायपुर को वर्ष 2000 से लेकर 2020 तक फर्जी, गलत जाति प्रमाणपत्र के कुल 758 प्रकरण प्राप्त हुए थे, जिनमें से 659 प्रकरणों की जांच के बाद निराकरण किया गया है। शेष 267 प्रकरणों में जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। इसे संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए भेजा गया है। इनमें से अधिकतर प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन है अथवा स्थगन आदेश प्राप्त हैं। विगत दो वर्षों में 75 प्रकरण फर्जी, गलत पाए गए हैं। इन प्रकरणों में उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्ति के बाद कई अधिकारी, कर्मचारी अभी भी महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं।
सामान्य प्रशासन व जलसंसाधन में सबसे अधिक फर्जी
उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति द्वारा जिन विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों के जाति प्रमाणपत्र फर्जी, गलत पाए गए हैं, उनमें सामान्य प्रशासन विभाग के 14, आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विभाग के 8, राजस्व विभाग के 7, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के 9, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 8, महिला एवं बाल विकास विभाग के 4, जल संसाधन विभाग के 14, समाज कल्याण विभाग का 1, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 15, वाणिज्यकर विभाग का 1, गृह विभाग के 7, ग्रामोद्योग विभाग के 12, ऊर्जा विभाग के 7, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग 4, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के 5, उच्च शिक्षा विभाग 3, कृषि विभाग के 14, नगरीय प्रशासन विभाग और वन विभाग के 5-5, सहकारिता विभाग के 3, लोक निर्माण विभाग एवं योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के 2-2, पशुधन विभाग एवं मछलीपालन विभाग 6, खेल एवं युवा कल्याण विभाग 1, स्कूल शिक्षा विभाग 44, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय, जनसम्पर्क विभाग, आवास एवं पर्यावरण विभाग में एक-एक प्रकरण शामिल हैं।