जागरण संवाददाता, छपरा: शहर के नगरपालिका चौक पर शनिवार को परिवर्तनकारी शिक्षक संघ ने समान
कार्य के बदले समान वेतन की मांग को लेकर शिक्षक अधिकार रैली का आयोजन
किया। इसमें काफी संख्या में महिला-पुरुष शिक्षकों ने भाग लिया। अपने हक की
आवाज बुलंद की। इस दौरान सभी समान काम के लिए समान वेतन की मांग की। राज्य
सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। शिक्षकों के हुजूम के कारण नगरपालिका
चौक पर यातायात व्यवस्था चरमरा गई।
रैली के बाद हुई सभा में संघ के जिलाध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने एक नई शिक्षा प्रणाली लागू की और पूरे सूबे में कई स्तरों पर शिक्षकों का विभाजन कर दिया। जिस प्रकार अंग्रेजों ने देश में फूट डालो और राज करो की नीति को बढ़ावा दिया ठीक उसी प्रकार बिहार सरकार ने विद्यालयों में नियमित, नियोजित, 34540, टीईटी सहित कई नाम से शिक्षकों को नौकरी देकर उनके बीच आपसी मतभेद पैदा कर दिया है। एक ही जगह कार्यरत शिक्षकों के वेतन में काफी अंतर है।
जिला सचिव संजय राय ने कहा कि समान काम, समान वेतन की मांग को लेकर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया लेकिन सरकार ने उसे नहीं माना। शिक्षक फैसले का इंतजार कर रहे हैं लेकिन वहां भी सरकार ने अपना आचरण दिखा दिया है। जिला उपाध्यक्ष मुकेश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार ने हमेशा से ही शिक्षकों को प्रताड़ित किया है। अप्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों को डीएलएड प्रशिक्षण कराने की पहल की गई। प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ, लेकिन जो प्रशिक्षण दो वर्षों में पूरा किया जाना था उसे पूरा करने में सरकार को पांच साल लग गए।
शिक्षक नेता सूर्यदेव सिंह ने कहा कि सरकार ने प्रारंभ से ही नियोजित शिक्षकों के साथ जो भेदभाव की आधारशिला रखी है। सूबे के सभी सरकारी कार्यालयों में चाहे वह नियमित हो या संविदा पर, कार्य करने वाली महिलाओं को 180 दिन का मातृत्व अवकाश दिया जाता है लेकिन नियोजित शिक्षकों को इसमें भी विभेद देखना पड़ा।
अशोक यादव ने कहा कि स्नातक ग्रेड में शिक्षकों को जल्द से जल्द प्रोन्नति दी जाए। साथ ही साथ 10 वर्षों से अधिक की सेवा करने वाले शिक्षकों का स्थानांतरण भी करें। इस मौके पर संजय राय, वलदार मांझी, सुमन प्रसाद कुशवाहा, जयप्रकाश तिवारी, अनुज राय, विनोद राय, प्रमोद सिंह, अशोक यादव, जितेंद्र सिंह, निजाम अहमद, सूर्यदेव सिंह, रंजीत सिंह, नीरज शर्मा,उमेश राय, अनिल राय, संतोष सिंह, राहुल रंजन, विनायक यादव, अनिल दास, अभय सिंह, अरुण सिंह, राजीव सिंह, स्वामीनाथ राय, सुलेखा कुमारी, सरिता कुमारी, संजू देवी, सुलोचना, सुमन कुशवाहा, उपेंद्र यादव, सतीश सिंह, उपेंद्र साह, अभिषेक बाबा, विजेंद्र सिंह, विनोद विद्यार्थी, लाल बहादुर राय, मंटू मिश्रा, मनोज राम, सुनील कुमार सैनी, एहसान अंसारी, नरेंद्र राय, एजाज, फिरोज, अजय राम, जितेंद्र राम आदि मौजूद थे। धरना समाप्ति के बाद जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिला। डीएम के मध्यम से पीएम, राष्ट्रपति, सीएम, शिक्षा मंत्री को सात सूत्री मांगों का ज्ञापन दिया। डीएम ने मांगो को जायज करार देते हुए सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया।
रैली के बाद हुई सभा में संघ के जिलाध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने एक नई शिक्षा प्रणाली लागू की और पूरे सूबे में कई स्तरों पर शिक्षकों का विभाजन कर दिया। जिस प्रकार अंग्रेजों ने देश में फूट डालो और राज करो की नीति को बढ़ावा दिया ठीक उसी प्रकार बिहार सरकार ने विद्यालयों में नियमित, नियोजित, 34540, टीईटी सहित कई नाम से शिक्षकों को नौकरी देकर उनके बीच आपसी मतभेद पैदा कर दिया है। एक ही जगह कार्यरत शिक्षकों के वेतन में काफी अंतर है।
जिला सचिव संजय राय ने कहा कि समान काम, समान वेतन की मांग को लेकर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया लेकिन सरकार ने उसे नहीं माना। शिक्षक फैसले का इंतजार कर रहे हैं लेकिन वहां भी सरकार ने अपना आचरण दिखा दिया है। जिला उपाध्यक्ष मुकेश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार ने हमेशा से ही शिक्षकों को प्रताड़ित किया है। अप्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों को डीएलएड प्रशिक्षण कराने की पहल की गई। प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ, लेकिन जो प्रशिक्षण दो वर्षों में पूरा किया जाना था उसे पूरा करने में सरकार को पांच साल लग गए।
शिक्षक नेता सूर्यदेव सिंह ने कहा कि सरकार ने प्रारंभ से ही नियोजित शिक्षकों के साथ जो भेदभाव की आधारशिला रखी है। सूबे के सभी सरकारी कार्यालयों में चाहे वह नियमित हो या संविदा पर, कार्य करने वाली महिलाओं को 180 दिन का मातृत्व अवकाश दिया जाता है लेकिन नियोजित शिक्षकों को इसमें भी विभेद देखना पड़ा।
अशोक यादव ने कहा कि स्नातक ग्रेड में शिक्षकों को जल्द से जल्द प्रोन्नति दी जाए। साथ ही साथ 10 वर्षों से अधिक की सेवा करने वाले शिक्षकों का स्थानांतरण भी करें। इस मौके पर संजय राय, वलदार मांझी, सुमन प्रसाद कुशवाहा, जयप्रकाश तिवारी, अनुज राय, विनोद राय, प्रमोद सिंह, अशोक यादव, जितेंद्र सिंह, निजाम अहमद, सूर्यदेव सिंह, रंजीत सिंह, नीरज शर्मा,उमेश राय, अनिल राय, संतोष सिंह, राहुल रंजन, विनायक यादव, अनिल दास, अभय सिंह, अरुण सिंह, राजीव सिंह, स्वामीनाथ राय, सुलेखा कुमारी, सरिता कुमारी, संजू देवी, सुलोचना, सुमन कुशवाहा, उपेंद्र यादव, सतीश सिंह, उपेंद्र साह, अभिषेक बाबा, विजेंद्र सिंह, विनोद विद्यार्थी, लाल बहादुर राय, मंटू मिश्रा, मनोज राम, सुनील कुमार सैनी, एहसान अंसारी, नरेंद्र राय, एजाज, फिरोज, अजय राम, जितेंद्र राम आदि मौजूद थे। धरना समाप्ति के बाद जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिला। डीएम के मध्यम से पीएम, राष्ट्रपति, सीएम, शिक्षा मंत्री को सात सूत्री मांगों का ज्ञापन दिया। डीएम ने मांगो को जायज करार देते हुए सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया।