विश्वविद्यालय सेवा आयोग से होगी नियुक्ति
सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति अब विश्वविद्यालय सेवा आयोग से होनी है। अभी बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से सहायक प्रोफेसर की बहाली प्रक्रिया अंतिम चरण में है। दो-तीन विषयों को छोड़ लगभग सभी विषयों में बहाली हो गई है। 3364 पदों पर बहाली हो रही थी, इसमें भी एक हजार से अधिक पद रिक्त रह गए हैं।
साल के अंत से शुरू होगी बहाली प्रक्रिया
बीपीएससी से बहाली प्रक्रिया पूरी होने के तुरंत बाद विश्वविद्यालय सेवा आयोग के माध्यम बहाली प्रक्रिया शुरू होगी। शिक्षा विभाग के अनुसार इस साल के अंत तक आयोग के माध्यम से सहायक प्रोफेसर की नई बहाली प्रक्रिया शुरू होगी।
पिछले साल विधानमंडल में बिहार राज्य विवि सेवा आयोग विधेक 2017 पारित किया गया था। आयोग में एक अध्यक्ष और अधिकतम 6 सदस्य का प्रावधान है। अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल अधिकतम तीन वर्षों के लिए होगा। अध्यक्ष की सेवा निवृति की अधिकतम आयु 72 वर्ष और सदस्यों की 70 वर्ष रखी गई है।
राज्य सरकार में मुख्य सचिव के समकक्ष या भारत सरकार में सचिव के समकक्ष पद पर कार्यरत या सेवानिवृत व्यक्ति अध्यक्ष हो सकते हैं या वैसे व्यक्ति जिन्हें विवि के कुलपति के रूप में कार्य का अनुभव हो या फिर प्रख्यात शिक्षाविद् होना चाहिए। 6 सदस्यों में न्यूनतम आधे सदस्य विवि प्राचार्य होंगे, जिन्हें विवि प्राचार्य के पद पर न्यूनतम 5 वर्षों का अनुभव हो। आधे सदस्य राज्य सरकार में न्यूनतम संयुक्त सचिव पद पर कार्यरत या सेवा निवृत अधिकारी या केंद्र सरकार के समकक्ष कार्यरत या सेवानिवृत अधिकारी होंगे। आयोग का सचिव पूर्णकालिक पदाधिकारी होगा। राज्य सरकार में कम से कम संयुक्त सचिव के वेतनमान में कार्यरत पदाधिकारी हो।
7485 पद रिक्त
पिछले आकलन में राज्य के 10 विवि में वर्तमान में स्वीकृत पद 13564 हैं, जबकि कार्यरत 6079 हैं। रिक्त पद 7485 हैं। बिहार लोक सेवा आयोग से विवि में शिक्षकों के 3364 पदों पर नियुक्ति के कहा गया था। बीपीएससी की बहाली प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है। लेकिन इसमें भी लगभग आधा पद रिक्त रह गया है। पाटलिपुत्र, मुंगेर और पूर्णिया विश्वविद्यालय की भी स्थापना हुई है।