पटना : अगले वर्ष मैट्रिक व इंटरमीडिएट में जिले का रिजल्ट बेहतर हो,
इसके लिए आगामी सितंबर से जनवरी माह तक अभियान चलाया जायेगा. अभियान के
माध्यम से वैसे विषय व विद्यालयों पर फोकस किया जायेगा, जहां इस वर्ष
रिजल्ट खराब रहा है. इसे लेकर जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को
दिशा-निर्देश जारी किया है. निर्देशों के अनुसार इस बार के परीक्षा
परिणामों के आधार पर विद्यालयों की समीक्षा व रैंकिंग की जायेगी. इसमें
विद्यालय व विषयवार रिजल्ट की बिंदुवार समीक्षा की जायेगी. प्रदर्शन के
आधार पर शिक्षकों व विद्यालयों की सूची भी तैयार की जायेगी, ताकि अभियान के
उद्देश्य को पूरा किया जा सके.
सप्ताह में तीन दिन अन्य विद्यालयों में पढ़ायेंगे शिक्षक : अभियान के
लिए प्रत्येक प्रखंड में विषयवार अच्छे यानी योग्य शिक्षकों की सूची तैयार
की जायेगी. इसके साथ ही प्रत्येक प्रखंड के ऐसे विद्यालयों की भी सूची
तैयारी की जानी है, जहां के विद्यार्थियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है.
सूचीबद्ध शिक्षक सप्ताह में तीन दिन उन विद्यालयों के बच्चों को पढ़ायेंगे.
जिन विषयों में रिजल्ट खराब रहा है, उसमें बेहतर रिजल्ट के लिए शैक्षणिक
सामग्री उपलब्ध करायी जा सकती है.
कारणों का पता लगाने पर दिया गया है बल
समीक्षा को लेकर जिलाधिकारी द्वारा जारी एक पत्र में विभिन्न बिंदुओं
पर रिजल्ट का विश्लेषण करने का निर्देश दिया गया है. इस क्रम में यह देखा
जाना है कि किसी विद्यालय के अधिकांश बच्चे किस विषय में असफल रहे हैं.
इसकी वजह क्या रही है. हो सकता है कि संबंधित विद्यालय में उस विषय के
शिक्षक न हों, या हैं भी तो किसी कारणवश शिक्षक द्वारा समुचित तरीके से
पढ़ाई नहीं करायी गयी हो.
ऐसे में कार्य में शिथिलता बरतनेवाले शिक्षकों की भी सूची तैयार करने
का निर्देश दिया गया है. पत्र के अनुसार विभिन्न सरकारी विद्यालयों में
विद्यार्थियों के असफल रहने के संबंध में समीक्षा की जानी है, ताकि अगले
वर्ष बेहतर रिजल्ट हो सके.
विद्यालयों की होगी रैंकिंग : परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर
विद्यालयों की रैंकिंग भी की जायेगी. इस क्रम में विद्यालय का ओवरऑल रिजल्ट
तो देखा ही जायेगा, विषयवार रिजल्ट व शिक्षकों की उपलब्धियों को भी ध्यान
में रखा जायेगा. इसके आधार पर ए, बी, सी या डी रैंक प्रदान किया जायेगा.