पटना। बिहार के 3.7 लाख नियोजित शिक्षकों की समान काम समान वेतन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट 31 जुलाई को अंतिम फैसला सुनाएगा। इससे पहले केंद्र सरकार ने बिहार सरकार का समर्थन करते हुए समान कार्य के लिए समान वेतन का विरोध किया था।
इससे पहले सरकार के हलफनामे में कहा गया कि नियोजित शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि ये समान कार्य के लिए समान वेतन की कैटेगरी में नहीं आते हैं। केंद्र सरकार ने कहा कि इन नियोजित शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन देने पर केंद्र सरकार पर करीब 40 हजार करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा।
समान काम के बदले समान वेतन की मांग
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के किसी भी दलील को मानने से इनकार कर दिया था। नियोजित शिक्षक की तरफ से नियुक्त वकील ने कोर्ट में शिक्षकों का पक्ष रखते हुए कहा था कि नियोजित शिक्षक भी नियमित शिक्षकों की तरह ही स्कूल में काम करते हैं। ऐसे में समान काम के बदले समान वेतन की मांग करना उनका संवैधानिक हक है।
राज्य सरकार ने दिया था कमजोर वित्तीय हालात का हवाला
बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी कमजोर वित्तीय हालात का हवाला देते हुए हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बिहार सरकार ने इसपर रोक लगाने की मांग की थी। बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और यू यू ललित की बेंच के सामने दलील दी थी कि नियोजित टीचर पंचायती राज्य निकायों के कर्मचारी हैं न कि बिहार सरकार के हैं।
नियोजित शिक्षकों के हक में फैसले की उम्मीद
इधर, शिक्षकों के हक के लिए लड़ रहे बिहार माध्ममिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय और महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने उम्मीद जताई है कि 31 जुलाई को आने वाला फैसला नियोजित शिक्षकों के हक में आएगा।
Bihar Teachers News , BTET , BPSC , SSC , Shikshak Niyojan updates
Advertisement
UPTET news
Breaking News
- 391 बुनियादी विद्यालय में शिक्षकों की होगी बहाली : बुनियादी विद्यालय के लिए नया सिलेबस
- BPSC Recruitment 2016 – 478 Lecturer Vacancies – Last Date 06 June 2016
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश से शिक्षक बनने का टूटा सपना , 34540 में बची रिक्तियों पर अब नहीं होगी बहाली
- 108 प्रारंभिक स्कूलों में नियुक्ति का रास्ता साफ
- वेतन विसंगति की मार झेल रहे प्रशिक्षित शिक्षक