पटना : पटना विश्वविद्यालय के पटना ट्रेनिंग कॉलेज व पटना वीमेंस
कॉलेज में शिक्षक नहीं होने की वजह से नामांकन में पेंच फंसा हुआ है.
दोनों ही काॅलेजों में प्राचार्य को छोड़कर कोई शिक्षक ही नहीं है. जो हैं,
वो एडहॉक पर हैं, जिन्हें एनसीटीई मान्य नहीं करता है. वह वेतनभोगी
शिक्षकों को ही मान्यता देता है, जो यूजीसी के मापदंडों के अनुरूप योग्यता
रखते हों.
प्राइवेट कॉलेज आसानी से रख लेते हैं शिक्षक : चूंकि प्राइवेट कॉलेजों
को यह शिक्षकों की बहाली करने में वैसी कोई बड़ी दिक्कत नहीं आती और वे
कांट्रैक्ट पर ऐसे शिक्षकों की बहाली कर लेते हैं और उन्हें वेतनमान दिया
जाता है. लेकिन, सरकारी कॉलेजों में बहाली सिर्फ सरकारी स्तर पर ही हो सकती
है. प्राइवेट तौर पर शिक्षकों की बहाली पर सरकार की ओर से रोक हैं.
पटना विश्वविद्यालय ने सरकार को कांट्रैक्ट पर शिक्षकों की बहाली के
लिए पत्र लिखा है. विवि ने लिखा है कि मान्यता को बचाये रखने का एक मात्र
जरिया कांट्रैक्ट पर शिक्षकों की बहाली ही है. क्योंकि अब बीएड का दो
वर्षीय कोर्स है. सरकार अगर निर्धारित सीटों पर बहाली कर भी देती है तब भी
अब उससे दोगुने शिक्षकों की जरूरत होगी.
सीटें बढ़ाने और उस पर बहाली की प्रक्रिया में काफी समय लगेगा जबकि
पूर्व से चल रही बहाली ही पिछले चार-पांच वर्षों से नहीं हो पायी है. ऐसे
में विवि के पास निर्धारित वेतन पर कुछ योग्य शिक्षकों की बहाली के अलावा
कोई रास्ता नहीं है. इस पर सरकार अनुमति दे तो इस समस्या का हल निकल सकता
है.
सबसे सस्ते और पुराने हैं दोनों कॉलेज : राज्य के ज्यादातर विवि में
बीएड वोकेशनल के तर्ज पर चलते हैं, जिसकी फीस लाख रुपये से अधिक है.
वहीं इन दोनों कॉलेज में जेनरल कोर्स के रूप बीएड चल रहा है और सिर्फ
चार-पांच हजार में ही सबकुछ हो जाता है. गरीब मेधावी छात्रों के लिए यह
सबसे अच्छा और सस्ता प्लेटफॉर्म है. एडमिशन बंद होने से छात्रों में मायूसी
है. इसको लेकर छात्रों में रोष है. छात्र संघ के समक्ष भी यह मामला उठा
है.
कॉलेज की मान्यता पर अगले सत्र से रोक
शिक्षकों की कमी की वजह से दोनों ही बीएड कॉलेज की मान्यता पर अगले
सत्र से रोक है. शिक्षक बहाल करने का अधिकार विवि के पास नहीं है. सिर्फ
सरकार कर सकती है. कांट्रैक्ट पर वेतनभोगी शिक्षकों को रखने के लिए अनुमति
सरकार ही दे सकती है. हमने सरकार को लिखा है.
जैसे ही वहां से अनुमति मिलती है शिक्षकों को बहाल करने की प्रक्रिया
की जायेगी और उसकी जानकारी एनसीटीई को दे दी जायेगी. उसके बाद मान्यता में
दिक्कत नहीं होगी. सरकारी स्तर पर ही शिक्षकों को बहाल करके भी काॅलेज दिया
जा सकता है.
प्रो एनके झा, स्टूडेंट्स वेलफेयर डीन, पीयू