राज्य के निजी बीएड कॉलेजों के फीस निर्धारण के मामले में हाई कोर्ट ने
बड़ी कार्रवाई की है. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए एक कमिटी गठित
की है. जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह ने मामले पर सुनवाई करते हुए गठित कमिटी
को कॉलेजों के खर्च का आंकलन करने का जिम्मा दिया हैं.
कोर्ट ने इन कॉलेजों को अपने शिक्षकों व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों का पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया है. इस कमिटी में चांसलर के प्रधान सचिव, डिप्टी अकाउंटेंट जनरल के अधिकारी, शिक्षा विभाग के सचिव समेत 5 अधिकारी होंगे.
राज्य सरकार ने इससे पूर्व बीएड कॉलेजों की फीस एक लाख रुपये निर्धारित किया था. इस आदेश को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि कॉलेज और शिक्षकों समेत गैरशैक्षणिक कर्मचारियों पर होने वाले खर्च कहीं ज्यादा है. इस मामले में 8 मई को फिर से सुनवाई की जाएगी.
मालूम हो कि बिहार के निजी कॉलेजों में भी बीएड की पढ़ाई होती है. कॉलेज की फीस को लेकर हमेशा से विवाद होते रहा है.
कोर्ट ने इन कॉलेजों को अपने शिक्षकों व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों का पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया है. इस कमिटी में चांसलर के प्रधान सचिव, डिप्टी अकाउंटेंट जनरल के अधिकारी, शिक्षा विभाग के सचिव समेत 5 अधिकारी होंगे.
राज्य सरकार ने इससे पूर्व बीएड कॉलेजों की फीस एक लाख रुपये निर्धारित किया था. इस आदेश को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि कॉलेज और शिक्षकों समेत गैरशैक्षणिक कर्मचारियों पर होने वाले खर्च कहीं ज्यादा है. इस मामले में 8 मई को फिर से सुनवाई की जाएगी.
मालूम हो कि बिहार के निजी कॉलेजों में भी बीएड की पढ़ाई होती है. कॉलेज की फीस को लेकर हमेशा से विवाद होते रहा है.