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2010 में प्लस टू किया, पर शिक्षकों को नियुक्त करना भूल गया विभाग; पढ़ाई तो दूर, आज तक एक बच्चे का एडिमशन तक नहीं

गंगा पार खवासपुर पंचायत के जानकी बाजार (खलीफा टोला) अवस्थित प्लस टू विद्यालय सरकारी उपेक्षा का शिकार है। इस विद्यालय का निर्माण वर्ष 2010 की नीतीश सरकार की योजना के तहत हुआ था। विद्यालय बनने के बाद से आज तक छात्रो का एक भी नामांकन नहीं हुआ। कारण यह रहा कि इस विद्यालय में शिक्षा विभाग व सरकार द्वारा शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई।
शिक्षक विहीन विद्यालय में छात्र नामांकन कराने से परहेज करते रहे है। विद्यालय निर्माण के 8 वर्ष पूरा होने को चला है। शिक्षा विभाग एवं सरकार की लापरवाही के शिकार खवासपुर पंचायत की छात्र-छात्राओं को झेलना पड़ रहा है। यहां के छात्र मैट्रिक परीक्षा उतीर्ण करने के बाद उत्तर प्रदेश, छपरा और आरा जाने के लिए विवाश है। गौरतलब हो कि खलीफा टोला के ग्रामीणों ने वर्ष 1968 में एक निजी विद्यालय की नींव रखी थी। वर्ष 1970 में 8 बीघा जमीन खलीफा टोला के लोग दान में दिया था। उस समय एक वर्ग से पढ़ाई प्रारंभ हुई। उसके बाद मैट्रिक तक पढाई शुरू हुई। इस विद्यालय में मैट्रिक तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या 2017 में करीब 435 थी। इसमें भी शिक्षकों की संख्या महज 4 है। जो विद्यार्थियों के अनुपात से कम है। यहां हिंदी और अंग्रेजी के शिक्षक नही है। महज सामाजिक विज्ञान व अन्य प्राईवेट शिक्षक मिलकर किसी तरह कोरम पूरा करते हैं। शिक्षकों की भारी कमी से उच्च विद्यालय के पठन-पाठन पर खासा असर है।

मैट्रिक के आगे पढ़ नहीं पा रहे छात्र, न बिजली, न ही शौचालय

यह विद्यालय शिक्षा विभाग व सरकार के लापरवाही का नमूना बना हुआ है। यहां के विद्यार्थी शिक्षा के प्रति जागरुक होते हुए भी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने के कारण मैट्रिक के आगे पढ़ नहीं पा रहे हैं। समस्याओं से घिरे इस विद्यालय में अभी तक बिजली भी नहीं पहुची है। इसके अलावे छात्र-छात्राओं के लिए शौचालय निर्माण भी नहीं किया गया है। सभी खुले में शौच करने के लिए विवश हैं।

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