Random-Post

अब बेस्ट की जाल में फंसेंगे गुरुजी

रोहतास। गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा व शिक्षक-छात्र की शत फीसद उपस्थिति सुनिश्चित करने को ले सरकार ने जियो टैगिग की तरह नई तकनीक इजाद दी है। इसके जरिए शिक्षकों की मनमानी पर रोक लगाने का कार्य किया
जाएगा। न तो जांच के नाम पर अधिकारियों की फांकेबाजी चलेगी, न ही शिक्षकों की। बिहार ईजी स्कूल ट्रै¨कग (बेस्ट) के माध्यम से सरकारी स्कूलों में बदहाल शिक्षा व्यवस्था व उपस्थिति को पटरी पर लाने का कार्य किया जाएगा। इसमें निरीक्षण को ले न तो अधिकारियों की मनमानी चलेगी, न लापरवाह शिक्षकों को बचाने की गुंजाइश होगी। बेस्ट नामक एप के माध्यम से अधिकारी भी स्कूल का निरीक्षण कर ऑन द स्पॉट प्रतिवेदन ऑनलाइन लोड करेंगे। जिसमें निरीक्षण के समय विद्यालय की फोटो से लेकर जांच से संबंधित ब्योरा उपल्बध रहेगा।

बर्खास्तगी के बाद भी पढ़ा रहे गुरुजी
यह भी पढ़ें

अधिकारी से ले सीआरसी तक नए एप से होंगे अवगत :

स्कूलों की मॉनिट¨रग के लिए विभाग ने नए एप का निर्माण किया है। इसके तहत अधिकारियों को स्कूलों का ऑन द स्पॉट निरीक्षण करना होगा। क्योंकि निरीक्षण स्थल की फोटो भी एप पर जांच अधिकारी को लोड करना होगा। यही नहीं जांच में अधिकारी क्या पाए, उसका भी उल्लेख क्रमवार करना आवश्यक होगा। यदि उनके द्वारा दफ्तर में बैठ या फिर गलत जांच प्रतिवेदन समर्पित किया जाता है, तो उनकी यह गलती भी पकड़ में आ जाएगी। बहरहाल अधिकारी से ले शिक्षक तक के लिए बिहार ईजी स्कूल ट्रै¨कग (बेस्ट) के नाम से तैयार एप लापरवाह अधिकारी व शिक्षक के लिए गले की फांस बनेगा। इसे ले बीईओ व सभी प्रखंड साधनसेवी को एप के कार्य से अवगत करा दिया गया है। शीघ्र ही संकुल समन्वयकों को भी प्रशिक्षण के माध्यम से मॉनिट¨रग विधि में दक्ष किया जाएगा।

सुधार को ले अब तक किए कई उपाय :

जांच पूरी, अधिकारी के समक्ष हाजिर नहीं हुए गुरुजी
यह भी पढ़ें

शिक्षा में गुणात्मक सुधार व शिक्षक- छात्र की शत फीसद उपस्थिति को ले विभाग पहले भी कई उपाय कर चुका है। जिसमें समझ-सीखे 20 सूत्री कार्यक्रम, प्रयास, पहल, एजुकेशन क्वालिटी प्रमुख रूप से शामिल हैं। लेकिन उसमें सरकारी स्कूलों की बेपटरी हुई शिक्षा पटरी पर नहीं आ सकी है। इससे न तो अधिकारियों के निरीक्षण के तौर-तरीके बदले, न शिक्षकों व छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित हो पा रही है। परंतु नए एप पर भी बुद्धिजीवी लोग अभी से सवाल खड़ा करने लगे हैं। लोगों का मानना है कि जब तक लोगों की सोच व नीयत नहीं बदलेगी, तब तक शिक्षा की स्थिति नहीं सुधर पाएगी।

कहते हैं अधिकारी :

सरकारी विद्यालयों में गुणात्मक शिक्षा लाने के उद्देश्य से सरकार ने बिहार ईजी स्कूल ट्रै¨कग (बेस्ट) नाम से एक एप बनाया है। जिस पर स्कूल का निरीक्षण संबंधित अधिकारियों द्वारा किया जाना है। एप से बीईओ व प्रखंड साधन सेवी के अलावा अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। संकुल समन्वयकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। जांच अधिकारी को निरीक्षण प्रतिवेदन को इसके लिए बने कॉलम के अनुरूप लोड करना होगा। गलत प्रतिवेदन देने वालों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

सुमन शर्मा, डीपीओ सर्व शिक्षा।

Recent Articles