शिक्षकों
के लिए सामान काम के लिए सामान वेतन के हाईकोर्ट के फैसलों को केंद्रीय
मंत्री उपेंद्र कुशवाह ने सही ठहराकर बिहार सरकार के लिए नई मुसीबत पैदा कर
दी है.
बिहार सरकार जहां इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है. वहीं एनडीए गठबंधन के नेता इसे सही ठहराकर अपने ही सरकार के लिए सवाल खड़ा कर दिया है.
नियोजित शिक्षकों को मिली राहत के खिलाफ आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट जाएगी बिहार सरकार...?
पटना में एक कार्यक्रम के दौरान रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाह ने शिक्षकों को समान काम का समान वेतन देने की वकालत करते हुए कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता के लिए समान वेतन देना चाहिए. राज्य सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने के सवाल पर कहा कि सरकार चलाना कोई व्यापार करना नहीं होता है.
कुशवाह ने कहा कि शिक्षा में सुधार के लिए गांधी के चंपारण सत्याग्रह की तरह शिक्षाग्रह आंदोलन चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी की लाभ हानि देखी जाए तो शराबबन्दी से भी सरकार को नुकसान हुआ है लेकिन हम लोगों ने समर्थन किया था. मगर शिक्षक के सवाल पर कहते है कि सरकार को यह सोचना चाहिए कि आम लोगों के लाभ के लिए काम करना चाहिए.
ट्रेंड हो जाएं प्राइमरी टीचर, नहीं तो नौकरी से धोने पड़ सकते हैं हाथ
इधर, नियोजित शिक्षकों पर पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार सरकार के लिए गए निर्णय पर माध्यमिक शिक्षक संघ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के निर्णय किया है. संघ के अध्यक्ष एमएलसी केदार नाथ पांडेय और महासचिव पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह दिल्ली रवाना भी हो गए है. दिल्ली में राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के निर्णय के बाद सभी वैधानिक पहलुओं पर विचार-विमर्श कर आगे की रणनीति तैयार की जा रही है.
बिहार सरकार जहां इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है. वहीं एनडीए गठबंधन के नेता इसे सही ठहराकर अपने ही सरकार के लिए सवाल खड़ा कर दिया है.
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पटना में एक कार्यक्रम के दौरान रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाह ने शिक्षकों को समान काम का समान वेतन देने की वकालत करते हुए कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता के लिए समान वेतन देना चाहिए. राज्य सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने के सवाल पर कहा कि सरकार चलाना कोई व्यापार करना नहीं होता है.
कुशवाह ने कहा कि शिक्षा में सुधार के लिए गांधी के चंपारण सत्याग्रह की तरह शिक्षाग्रह आंदोलन चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी की लाभ हानि देखी जाए तो शराबबन्दी से भी सरकार को नुकसान हुआ है लेकिन हम लोगों ने समर्थन किया था. मगर शिक्षक के सवाल पर कहते है कि सरकार को यह सोचना चाहिए कि आम लोगों के लाभ के लिए काम करना चाहिए.
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इधर, नियोजित शिक्षकों पर पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार सरकार के लिए गए निर्णय पर माध्यमिक शिक्षक संघ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के निर्णय किया है. संघ के अध्यक्ष एमएलसी केदार नाथ पांडेय और महासचिव पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह दिल्ली रवाना भी हो गए है. दिल्ली में राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के निर्णय के बाद सभी वैधानिक पहलुओं पर विचार-विमर्श कर आगे की रणनीति तैयार की जा रही है.