मुंगेर। सदर प्रखंड के मिर्जापुर बरदह पंचायत के पंचायत सचिव शिक्षा विभाग
के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के आदेश को सुनने को तैयार नहीं हैं।
इस बाबत जानकारी देते हुए राजद जिलाध्यक्ष प्रमोद यादव, मंटू शर्मा, आदर्श कुमार राजा, आकाशदीप, नरेंद्र यादव आदि ने बताया कि वर्ष 2008 में शिक्षक नियोजन के दूसरे चरण के तहत सदर प्रखंड के मिर्जापुर बरदह पंचायत में सरवरी आलम का शिक्षक के रूप में चयन किया गया था। लेकिन उन्हें योगदान करने से वंचित कर दिया गया था। इसके विरूद्ध वह जिला शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार में मामले को ले गई। जहां उनके चयन को बहाल किया गया। लेकिन उसके बाद भी उनको योगदान नहीं कराया गया। इसके बाद उन्होंने अपने हक को प्राप्त करने के लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक के पास गुहार लगाई। इस पर निदेशक ने डीईओ को जांच पड़ताल करने को कहा। इसके बाद डीपीओ स्थापना ने 3 अक्टूबर 2017 को पंचायत सचिव मिर्जापुर बरदह को पत्र भेज जिला 2008 में नियोजन को लेकर उपलब्ध कराई गई रिक्ति, रोस्टर, आरक्षण की स्थिति तथा विषयवार रिक्त पदों की संख्या तथा सरवरी खातून का नियोजन न होने तथा प्राधिकार के आदेश के बाद की गई कार्रवाई के संबंध में बीईओ मुफसिल के माध्यम से दस दिनों में साक्ष्य मांगा। लेकिन एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पंचायत सचिव ने इस पर कोई प्रतिविदन शिक्षा विभाग को उपलब्ध नहीं कराया। वहीं राजद नेताओं ने कहा कि शीघ्र ही इस मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित किया जाए तथा महिला को नियुक्ति पत्र निर्गत किया जाए।
इस बाबत जानकारी देते हुए राजद जिलाध्यक्ष प्रमोद यादव, मंटू शर्मा, आदर्श कुमार राजा, आकाशदीप, नरेंद्र यादव आदि ने बताया कि वर्ष 2008 में शिक्षक नियोजन के दूसरे चरण के तहत सदर प्रखंड के मिर्जापुर बरदह पंचायत में सरवरी आलम का शिक्षक के रूप में चयन किया गया था। लेकिन उन्हें योगदान करने से वंचित कर दिया गया था। इसके विरूद्ध वह जिला शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार में मामले को ले गई। जहां उनके चयन को बहाल किया गया। लेकिन उसके बाद भी उनको योगदान नहीं कराया गया। इसके बाद उन्होंने अपने हक को प्राप्त करने के लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक के पास गुहार लगाई। इस पर निदेशक ने डीईओ को जांच पड़ताल करने को कहा। इसके बाद डीपीओ स्थापना ने 3 अक्टूबर 2017 को पंचायत सचिव मिर्जापुर बरदह को पत्र भेज जिला 2008 में नियोजन को लेकर उपलब्ध कराई गई रिक्ति, रोस्टर, आरक्षण की स्थिति तथा विषयवार रिक्त पदों की संख्या तथा सरवरी खातून का नियोजन न होने तथा प्राधिकार के आदेश के बाद की गई कार्रवाई के संबंध में बीईओ मुफसिल के माध्यम से दस दिनों में साक्ष्य मांगा। लेकिन एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पंचायत सचिव ने इस पर कोई प्रतिविदन शिक्षा विभाग को उपलब्ध नहीं कराया। वहीं राजद नेताओं ने कहा कि शीघ्र ही इस मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित किया जाए तथा महिला को नियुक्ति पत्र निर्गत किया जाए।