बांका। इंटर और मैट्रिक के खराब रिजल्ट के बाद सरकार ने माध्यमिक शिक्षा
के एक्सन प्लान पर काम शुरू कर दिया है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा
निदेशक से सभी जिला को पत्र प्राप्त हो गया है। इस पत्र के आलोक में
माध्यमिक शिक्षा अभियान ने हर जिला में काम भी शुरू कर दिया है।
सरकार के आदेश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने दसवीं से बारहवीं तक की शिक्षा में सुधार के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत सबसे पहले खराब रिजल्ट वाले माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को चिन्हित किया जा रहा है। इसके बाद ऐसे संस्थान में 50 साल से अधिक आयु वाले शिक्षकों के शिक्षण कार्य की समीक्षा होगी। लेकिन, बांका के सरकारी शिक्षण संस्थान में इस आयु से अधिक वाले शिक्षकों की तादाद दो दर्जन से अधिक नहीं बची है। इनकी खराब शैक्षणिक स्थिति पर इनकी सेवा समाप्त की जा सकती है। विद्यालयों में जिस विषय के शिक्षक नहीं हैं, इसका भी रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है। जिस विषय में शिक्षक नहीं है वहां सेवानिवृत्त शिक्षक या अतिथि शिक्षक की बहाली कर कक्षा कराई जाएगी। खराब रिजल्ट वाले स्कूलों में विशेष कक्षा का आयोजन कर बच्चों की पढ़ाई पूरी कराई जाएगी। इंटर विज्ञान में शिक्षकों के अकाल को देखते हुए वहां बीटेक-एमटेक छात्रों को पढ़ाई के लिए रखने की योजना है।
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शिक्षकों की बहाली का नया नियम
पूर्व से माध्यमिक और उच्च माध्यमिक कक्षाओं में भी शिक्षक नियोजित होते आ रहे हैं। सरकार ने इसकी जगह नियोजन समिति समाप्त कर बोर्ड से बहाली का फैसला लिया है। हालांकि, इस प्रक्रिया को राज्य स्तर से पूरा किया जाना है। जिसकी बहाली में अभी वक्त भी लग सकता है। पूर्व में भी माध्यमिक विद्यालयों में इसी तरह परीक्षा आयोजित कर शिक्षकों की बहाली होती रही है।
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क्या कहता है शिक्षक संघ
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयुक्त सचिव नागेश्वर साह ने कहा कि सरकार को बिहार की शिक्षा से कोई मतलब नहीं रह गया है। अभी रिजल्ट खराब होने पर बस अनाप सनाप बक रही है। सरकार माध्यमिक शिक्षकों को बेहतर वेतन दे। शिक्षा खुद पटरी पर लौट जाएगी। खराब वेतन के चलते माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक टिकते ही नहीं है। बांका में ही सैकड़ों माध्यमिक शिक्षक नौकरी छोड़ दूसरे राज्यों में चले गए हैं।
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माध्यमिक शिक्षा पर एक नजर
उच्च विद्यालय-71
उत्क्रमित उच्च विद्यालय-72
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय- 42
वित्त रहित माध्यमिक विद्यालय-11
वित्त रहित इंटर कॉलेज- 14
दसवीं में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या- 29 हजार
12वीं में नामांकित छात्रों की संख्या-22 हजार
2017 में इंटर का रिजल्ट- 26 प्रतिशत
2017 में मैट्रिक का रिजल्ट- 47 प्रतिशत
सरकारी माध्यमिक शिक्षक- सात सौ
सरकारी उच्च माध्यमिक शिक्षक- करीब डेढ़ सौ
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Jagran
सरकार के आदेश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने दसवीं से बारहवीं तक की शिक्षा में सुधार के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत सबसे पहले खराब रिजल्ट वाले माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को चिन्हित किया जा रहा है। इसके बाद ऐसे संस्थान में 50 साल से अधिक आयु वाले शिक्षकों के शिक्षण कार्य की समीक्षा होगी। लेकिन, बांका के सरकारी शिक्षण संस्थान में इस आयु से अधिक वाले शिक्षकों की तादाद दो दर्जन से अधिक नहीं बची है। इनकी खराब शैक्षणिक स्थिति पर इनकी सेवा समाप्त की जा सकती है। विद्यालयों में जिस विषय के शिक्षक नहीं हैं, इसका भी रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है। जिस विषय में शिक्षक नहीं है वहां सेवानिवृत्त शिक्षक या अतिथि शिक्षक की बहाली कर कक्षा कराई जाएगी। खराब रिजल्ट वाले स्कूलों में विशेष कक्षा का आयोजन कर बच्चों की पढ़ाई पूरी कराई जाएगी। इंटर विज्ञान में शिक्षकों के अकाल को देखते हुए वहां बीटेक-एमटेक छात्रों को पढ़ाई के लिए रखने की योजना है।
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शिक्षकों की बहाली का नया नियम
पूर्व से माध्यमिक और उच्च माध्यमिक कक्षाओं में भी शिक्षक नियोजित होते आ रहे हैं। सरकार ने इसकी जगह नियोजन समिति समाप्त कर बोर्ड से बहाली का फैसला लिया है। हालांकि, इस प्रक्रिया को राज्य स्तर से पूरा किया जाना है। जिसकी बहाली में अभी वक्त भी लग सकता है। पूर्व में भी माध्यमिक विद्यालयों में इसी तरह परीक्षा आयोजित कर शिक्षकों की बहाली होती रही है।
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क्या कहता है शिक्षक संघ
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयुक्त सचिव नागेश्वर साह ने कहा कि सरकार को बिहार की शिक्षा से कोई मतलब नहीं रह गया है। अभी रिजल्ट खराब होने पर बस अनाप सनाप बक रही है। सरकार माध्यमिक शिक्षकों को बेहतर वेतन दे। शिक्षा खुद पटरी पर लौट जाएगी। खराब वेतन के चलते माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक टिकते ही नहीं है। बांका में ही सैकड़ों माध्यमिक शिक्षक नौकरी छोड़ दूसरे राज्यों में चले गए हैं।
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माध्यमिक शिक्षा पर एक नजर
उच्च विद्यालय-71
उत्क्रमित उच्च विद्यालय-72
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय- 42
वित्त रहित माध्यमिक विद्यालय-11
वित्त रहित इंटर कॉलेज- 14
दसवीं में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या- 29 हजार
12वीं में नामांकित छात्रों की संख्या-22 हजार
2017 में इंटर का रिजल्ट- 26 प्रतिशत
2017 में मैट्रिक का रिजल्ट- 47 प्रतिशत
सरकारी माध्यमिक शिक्षक- सात सौ
सरकारी उच्च माध्यमिक शिक्षक- करीब डेढ़ सौ