पटना.राज्य
के विश्वविद्यालयों के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों के छठे वेतनमान की
बकाया रकम मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए सरकार ने 588 करोड़ रुपए
जारी करने का फैसला किया है। सरकार ने यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की
है। बुधवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी।
छठे वेतनमान के बकाए भुगतान पर सरकार की उदासीनता के बाद अशोक कुमार सिन्हा व अन्य कोर्ट में चले गए थे। कोर्ट ने सरकार को इन शिक्षक-कर्मचारियों को बकाए भुगतान का निर्देश दिया। विवि शिक्षकों और कर्मियों के वेतन के लिए भी 544 करोड़ रुपए दिए गए हैं। कैबिनेट ने 1132 करोड़ रुपए खर्च के दोनों प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। पटना विश्वविद्यालय के 45 शिक्षकों को अभी तक छठे वेतनमान के बकाए का भुगतान नहीं हो सका है। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में ऐसे शिक्षकों की संख्या 250 से अधिक है। विश्वविद्यालय के कर्मचारियों का भी बकाया है। बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक और कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं। उन्हें सरकार के इस फैसले का लाभ मिलेगा। एक शिक्षक का करीब आठ से 10 लाख रुपए तक का बकाया है। इसी रकम से 360 दिनों के लीव इनकैशमेंट बकाए का भुगतान भी होगा।
जून-अगस्त तक के वेतन के लिए 544 करोड़ रुपए
कैबिनेट ने विश्वविद्यालयों के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मी व रिटायर्ड कर्मचारियों के भी वेतन-पेंशन के 544 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इससे जून से अगस्त तक के वेतन का भुगतान किया जा सकेगा। शिक्षा विभाग अब इस राशि को विश्वविद्यालयों में भेज सकता है।
मॉडल
स्कूलों के संचालन के लिए 65 करोड़ मंजूर
200 मॉडल स्कूलों के संचालन के लिए 65 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इन्हें राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत इस रकम से स्कूलों के लिए फर्नीचर और उपकरणों की खरीद की जाएगी। पहले इसके लिए 13 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान किया गया था।