नई दिल्ली/पटना । एक
बार बिहार बोर्ड सुर्खियों में है। इस बार बोर्ड ने आईआईटी की परीक्षा
पास करने वाले छात्रों को तो फेल कर दिया, लेकिन गणेश कुमार जैसे लोगों को
12वीं का टॉपर बना दिया। हालांकि खुद को 24 साल का बता रहा गणेश कुमार जांच
में 42 साल का पाया गया।
वर्ष 1990 में भी वह अपनी 10वीं की परीक्षा दे चुका है । 25 साल बाद 2015 में उसने अपनी जन्मतिथि बदलकर 2 जून 1993 दिखाई और समस्तीपुर से मैट्रिक की परीक्षा पास की। इतना ही नहीं गणेश कुमार जिसका असल नाम गणेश राम है, वह दो बच्चों का पिता है। बहरहाल , अपनी इन करतूतों के चलते गणेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही इस पूरे मामले की जांच करवाई जा रही है।
पहले रूबी राय और गणेश कुमार गिरफ्तार
बिहार बोर्ड के टॉपरों की गिरफ्तारी की सिलसिला दूसरे साल भी जारी है। आपको याद ही होंगी पिछले साल बिहार बोर्ड की 12 की टॉपर रूबी राय। पॉलिटिकल साइंस को प्रोडिकल साइंस कहने वाले बिहार बोर्ड की टॉपर के लोगों के सामने आने के बाद बिहार में शिक्षा विभाग की कारगुजारियां पूरे देश के सामने आ गई थीं।
उस घटनाक्रम के बाद संभावना जताई जा रही थीं कि बिहार बोर्ड सख्त कदम उठाते हुए ऐसे घटनाक्रमों पर रोक लगाएगा और राज्य में शिक्षा का स्तर सुधरेगा। इन आशाओं के बीच बिहार बोर्ड का 12वीं का परीक्षा परिणाम आया। करीब 65 फीसदी छात्रों को फेल कर दिया गया। लगा नकल की आस में बैठे छात्रों को सबक सिखाया गया है, लेकिन बिहार बोर्ड की कारगुजारी उस समय उजागर हुई जब 24 वर्षीय बताए जा रहे गणेश कुमार को आर्टस का टॉपर घोषित किया गया।
जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर
टॉपर से मिलने जब मीडिया पहुंची तो उनका चेहरा देखते ही सकपका गई। 12वीं के टॉपर को देखकर कहीं से नहीं लग रहा था कि यह कोई छात्र होगा। बहरहाल, उससे जब बातचीत की गई तो वह अपने विषयों से जुड़ी सामान्य जानकारियां भी नहीं दे पाया। कुछ संदेह होने पर उसके खिलाफ जांच की गई। जो सामने आया अब वो चौंकाने वाला है।
25 साल बाद फिर बैठा 10वीं की परीक्षा में
सामने आया है कि गणेश कुमार की जन्मतिथि 2 जून 1993 नहीं बल्कि 7 नवंबर 1975 है। हंगामा होने के बाद उससे जुडा़ कुछ पुराना रिकॉर्ड खंगाला गया तो सामने आया कि 1990 में उसने सरिया गिरिडीह (जो अब झारखंड में आता है) से 10वीं की परीक्षा दी थी। उस दौरान इसका नाम गणेश राम पुत्र शंकर नाथ राम दर्ज हुआ था। इसके 25 साल बाद गणेश राम ने गणेश कुमार नाम का एक फर्जी दस्तावेज तैयार किया और अपनी जन्मतिथि 2 जून 93 बताते हुए बिहार के समस्तीपुर से 10वीं की परीक्षा दी।
स्कूल की मान्यता खत्म
बहरहाल, इस सब के बीच गणेश राम उर्फ गणेश कुमार को पुलिस ने फर्जी नाम और दस्तावेजों के आधार पर परीक्षा देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। वहीं शिक्षा विभाग ने उन स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है, जहां से उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर परीक्षा दी थी।
वर्ष 1990 में भी वह अपनी 10वीं की परीक्षा दे चुका है । 25 साल बाद 2015 में उसने अपनी जन्मतिथि बदलकर 2 जून 1993 दिखाई और समस्तीपुर से मैट्रिक की परीक्षा पास की। इतना ही नहीं गणेश कुमार जिसका असल नाम गणेश राम है, वह दो बच्चों का पिता है। बहरहाल , अपनी इन करतूतों के चलते गणेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही इस पूरे मामले की जांच करवाई जा रही है।
पहले रूबी राय और गणेश कुमार गिरफ्तार
बिहार बोर्ड के टॉपरों की गिरफ्तारी की सिलसिला दूसरे साल भी जारी है। आपको याद ही होंगी पिछले साल बिहार बोर्ड की 12 की टॉपर रूबी राय। पॉलिटिकल साइंस को प्रोडिकल साइंस कहने वाले बिहार बोर्ड की टॉपर के लोगों के सामने आने के बाद बिहार में शिक्षा विभाग की कारगुजारियां पूरे देश के सामने आ गई थीं।
उस घटनाक्रम के बाद संभावना जताई जा रही थीं कि बिहार बोर्ड सख्त कदम उठाते हुए ऐसे घटनाक्रमों पर रोक लगाएगा और राज्य में शिक्षा का स्तर सुधरेगा। इन आशाओं के बीच बिहार बोर्ड का 12वीं का परीक्षा परिणाम आया। करीब 65 फीसदी छात्रों को फेल कर दिया गया। लगा नकल की आस में बैठे छात्रों को सबक सिखाया गया है, लेकिन बिहार बोर्ड की कारगुजारी उस समय उजागर हुई जब 24 वर्षीय बताए जा रहे गणेश कुमार को आर्टस का टॉपर घोषित किया गया।
जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर
टॉपर से मिलने जब मीडिया पहुंची तो उनका चेहरा देखते ही सकपका गई। 12वीं के टॉपर को देखकर कहीं से नहीं लग रहा था कि यह कोई छात्र होगा। बहरहाल, उससे जब बातचीत की गई तो वह अपने विषयों से जुड़ी सामान्य जानकारियां भी नहीं दे पाया। कुछ संदेह होने पर उसके खिलाफ जांच की गई। जो सामने आया अब वो चौंकाने वाला है।
25 साल बाद फिर बैठा 10वीं की परीक्षा में
सामने आया है कि गणेश कुमार की जन्मतिथि 2 जून 1993 नहीं बल्कि 7 नवंबर 1975 है। हंगामा होने के बाद उससे जुडा़ कुछ पुराना रिकॉर्ड खंगाला गया तो सामने आया कि 1990 में उसने सरिया गिरिडीह (जो अब झारखंड में आता है) से 10वीं की परीक्षा दी थी। उस दौरान इसका नाम गणेश राम पुत्र शंकर नाथ राम दर्ज हुआ था। इसके 25 साल बाद गणेश राम ने गणेश कुमार नाम का एक फर्जी दस्तावेज तैयार किया और अपनी जन्मतिथि 2 जून 93 बताते हुए बिहार के समस्तीपुर से 10वीं की परीक्षा दी।
स्कूल की मान्यता खत्म
बहरहाल, इस सब के बीच गणेश राम उर्फ गणेश कुमार को पुलिस ने फर्जी नाम और दस्तावेजों के आधार पर परीक्षा देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। वहीं शिक्षा विभाग ने उन स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है, जहां से उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर परीक्षा दी थी।