PATNA : राज्य में सुशासन के लाख दावों के बावजूद सरकारी कार्यालयों में घूसखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों में कमी नहीं आ रही है।
हाल ही में मुख्य सचिव के स्तर पर निगरानी, आर्थिक अपराध इकाई, विशेष निगरानी इकाई की समीक्षा में चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं।
राज्य सरकार के 44 विभागों में से सिर्फ़ 9 विभाग ही पाक साफ निकले हैं जिनमें भ्रष्टाचार के कोई मामले दर्ज नहीं हुए हैं।
सबसे रोचक तथ्य यह कि इस मामले में निगरानी विभाग में भी पांच केस पाये गए हैं। मुख्य सचिव की समीक्षा में 1 अप्रैल तक 33 विभागों में भ्रष्टाचार के मामले पकड़े गए हैं।
इसमें सबसे अधिक संख्या में घूस लेते पकड़े गए कर्मी शिक्षा विभाग के शामिल हैं। शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा 70 घूसखोर शामिल हैं।
उर्जा विभाग में 1 अप्रैल तक कुल 53 मामले आये हैं इनमें 34 मामले घूस लेते और रंगे हाथों पकड़े जाने के हैं।
रिश्वतखोरी के अन्य मामलो में उत्पाद विभाग में 17, भवन निर्माण विभाग में 3, सामान्य प्रशासन में 36, कृषि विभाग में 35, वाणिज्यकर विभाग में 5 , पथ निर्माण विभाग में 15, सहकारिता विभाग में 21, गृह विभाग में 7, ग्रामीण कार्य और विकास विभाग में 14-14 मामले शामिल हैं।
मालूम हो कि हाल के दिनों में निगरानी विभाग के डीजी स्तर के अधिकारी ने भी एक कार्यक्रम के दौरान बिहार में बढ़ रही घूसखोरी को लेकर चिंता जाहिर की थी।डीजी ने अपने विभाग के लोगों को भी घूस नहीं लेने की नसीहत दी थी।
हाल ही में मुख्य सचिव के स्तर पर निगरानी, आर्थिक अपराध इकाई, विशेष निगरानी इकाई की समीक्षा में चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं।
राज्य सरकार के 44 विभागों में से सिर्फ़ 9 विभाग ही पाक साफ निकले हैं जिनमें भ्रष्टाचार के कोई मामले दर्ज नहीं हुए हैं।
सबसे रोचक तथ्य यह कि इस मामले में निगरानी विभाग में भी पांच केस पाये गए हैं। मुख्य सचिव की समीक्षा में 1 अप्रैल तक 33 विभागों में भ्रष्टाचार के मामले पकड़े गए हैं।
इसमें सबसे अधिक संख्या में घूस लेते पकड़े गए कर्मी शिक्षा विभाग के शामिल हैं। शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा 70 घूसखोर शामिल हैं।
उर्जा विभाग में 1 अप्रैल तक कुल 53 मामले आये हैं इनमें 34 मामले घूस लेते और रंगे हाथों पकड़े जाने के हैं।
रिश्वतखोरी के अन्य मामलो में उत्पाद विभाग में 17, भवन निर्माण विभाग में 3, सामान्य प्रशासन में 36, कृषि विभाग में 35, वाणिज्यकर विभाग में 5 , पथ निर्माण विभाग में 15, सहकारिता विभाग में 21, गृह विभाग में 7, ग्रामीण कार्य और विकास विभाग में 14-14 मामले शामिल हैं।
मालूम हो कि हाल के दिनों में निगरानी विभाग के डीजी स्तर के अधिकारी ने भी एक कार्यक्रम के दौरान बिहार में बढ़ रही घूसखोरी को लेकर चिंता जाहिर की थी।डीजी ने अपने विभाग के लोगों को भी घूस नहीं लेने की नसीहत दी थी।