इंटर. 29,512 परीक्षक लगाये गये ड्यूटी में, जिनमें से 15,805 ने
मूल्यांकन से खींचे अपने हाथ
पटना : इंटरमीडिएट कॉलेजों और वित्तरहित शिक्षकों की मांग का असर अब
इंटर मूल्यांकन पर पड़ने लगा है. 15 मार्च से शुरू इस मूल्यांकन में 29,512
परीक्षकों को लगाया गया है, लेकिन इसमें से 15,805 परीक्षकों ने मूल्यांकन
का बहिष्कार कर दिया हैं. इन शिक्षकों की मांग है कि जब तक सरकार मांगें
नहीं मानती है, तब तक मूल्यांकन कार्य में शामिल नहीं होंगे. फिलहाल 13,707
परीक्षक मूल्यांकन कार्य में लगे हैं, जहां इंटर मूल्यांकन का बहिष्कार
वित्तरहित कॉलेज और इंटरमीडिएट के शिक्षक कर रहे हैं. वहीं, मैट्रिक
मूल्यांकन के बहिष्कार की तैयारी प्रदेश भर के माध्यमिक शिक्षक संघ ने करना
शुरू कर दी है.
नहीं ले रहे नियुक्तिपत्र : माध्यमिक शिक्षकों को मैट्रिक के
मूल्यांकन के लिए नियुक्तिपत्र भेजा जा रहा है. तमाम शिक्षक नियुक्तिपत्र
का बहिष्कार कर रहे हैं. माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार नाथ पांडेय
ने बताया कि 23 मार्च से 9वीं की परीक्षा भी है. अगर मैट्रिक का मूल्यांकन
होगा, तो परीक्षा कैसे ली जायेगी. 21 मार्च से मैट्रिक का मूल्यांकन
होनेवाला है. इसका संघ विरोध करता है. संघ अभी नियुक्तिपत्र का बहिष्कार कर
रहा है. अगर मैट्रिक मूल्यांकन की तिथि आगे नहीं बढ़ेगी, तो मूल्यांकन का
बहिष्कार 21 से किया जायेगा. ज्ञात हो कि 31 मार्च तक तमाम 9वीं की वार्षिक
परीक्षा ले लेनी है. इस बीच स्कूलों में अभी साइकिल और पोशाक राशि भी
बांटी जानी है. यह काम भी 31 मार्च तक कर लेना है. इसमें भी शिक्षकों को ही
लगाया गया है.
समान काम के लिए समान वेतन की मांग
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ ने गर्दनीबाग में धरना दिया.
संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार ने कहा कि शिक्षकों का धरना समान काम के लिए
समान वेतन का है. सरकार आश्वासन तो दे रही है, लेकिन वेतन नहीं. इधर
संस्कृत शिक्षक कल्याण संस्थान की ओर से आंदोलन की तैयारी जा रही है.
अध्यक्ष रामाधार सिंह ने कहा कि 27-28 मार्च को महाधरना होगा. इंटरमीडिएट
शिक्षक व शिक्षकेतर संघ के महासचिव गणेश प्रसाद सिंह ने बताया कि समान काम
के लिए समान वेतन, सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष और अनुदान राशि का वितरण का
आश्वासन नहीं मिलता हैं, हम इंटर मूल्यांकन का बहिष्कार करेंगे.
पटना. थ्योरी की तरह प्रैक्टिकल की परीक्षा में भी अंक ओएमआर शीट पर
ही शिक्षकों को भरना होगा. इसके लिए परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र के साथ
ओएमआर शीट भी भेजी जा रही है.
परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिका की बार कोडिंग की जायेगी. बिहार
विद्यालय परीक्षा समिति ने तमाम केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाओं को भेज दिया
है. प्रश्नपत्र परीक्षा के एक दिन पहले केंद्रों पर भेजे जायेंगे. इंटर
प्रैक्टिकल की परीक्षा के लिए प्रदेश भर में 2,317 परीक्षा केंद्र बनाये
गये हैं. ज्ञात हो कि इंटर में साइंस, आर्ट्स, कॉमर्स और कृषि मिला कर 12
विषयों के प्रैक्टिकल की परीक्षा ली जायेगी. प्रैक्टिकल की परीक्षा 27
मार्च से शुरू होगी. प्रैक्टिकल की परीक्षा में सबसे ज्यादा परीक्षार्थी
सारण जिले से हैं. सारण जिले से एक लाख, 64 हजार, 883 परीक्षार्थी
प्रैक्टिकल की परीक्षा में शामिल होंगे.
पटना : इंटर मूल्यांकन का कार्य शुरू हो चुका है. लेकिन, हर दिन
सैकड़ों शिक्षक अपना नाम मूल्यांकन में जुड़वाने के लिए काउंसिल का चक्कर
लगा रहे हैं. शिक्षक एक तरफ तो अपनी शिकायत लेकर आ रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर
मूल्यांकन से माध्यमिक शिक्षकों को हटाने की मांग भी कर रहे हैं. ज्ञात हो
कि इंटर मूल्यांकन के लिए ऑनलाइन शिक्षकों की सूची तैयार की गयी है.
ऑनलाइन ही सूची भी मंगवायी गयी थी. लेकिन, स्कूल की गलती की वजह से इंटर
मूल्यांकन में माध्यमिक शिक्षकों को लगाये गये हैं. दरअसल, बिहार बोर्ड की
ओर से ऑनलाइन शिक्षकों की सूची कॉलेज और स्कूलों से मांगी गयी थी. कॉलेज
स्तर पर तो दिक्कत नहीं हुई, लेकिन उच्च विद्यालय स्तर पर माध्यमिक और उच्च
माध्यमिक दोनों ही स्कूलों के शिक्षकों की सूची ऑनलाइन भेजनी थी, लेकिन
विद्यालय प्रशासन ने गलती से ऑनलाइन सूची भेजने में उच्च माध्यमिक शिक्षकों
की जगह माध्यमिक शिक्षकों की सूची भेज दी.
स्कूलों ने की गलती
ऑनलाइन शिक्षकों की सूची भरने में स्कूल प्रशासन ने गलती की है. इस
बार सारा काम स्कूलों और कॉलेजों को ही दिया गया था. कई बार सुधार का मौका
भी दिया गया है. लेकिन, स्कूल प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
आनंद किशोर, अध्यक्ष, बिहार बोर्ड