पटना। हिन्दुस्तान सरकारी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों को भी डिग्री कॉलेजों की तरह नैक से एक्रिडिएशन (मान्यता) लेना अनिवार्य है। ग्रेडिंग के बाद ही टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों को नए टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम (कोर्स) मिलेंगे।
टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों को कोर्स चलाने की मान्यता नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) से मिलती है, लेकिन एनसीटीई की नियमावली के मुताबिक इससे मान्यता के 5 साल के भीतर नैक या किसी अन्य राष्ट्रीय स्तर की संस्था से संबद्धता प्राप्त करना आवश्यक होगा।
राज्य में डायट, बीआईईटी, सीटीईसी तथा पीटीईसी को मिलाकर कुल 66 सरकारी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान हैं। इनमें किसी के पास नैक या समकक्ष अन्य राष्ट्रीय संस्थान की मान्यता नहीं है। राज्य सरकार ने इनको नैक से मान्यता दिलाने की तैयारी शुरू की है। सोमवार को इसको लेकर शिक्षा विभाग के शोध एवं प्रशिक्षण निदेशालय ने शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक बुलाई। उप निदेशक निकुंज प्रकाश नारायण की अध्यक्षता में हुई बैठक में पहले चरण में 43 कॉलेजों के प्राचार्य शामिल हुए।
बैठक में नैक की मान्यता की प्रक्रिया पर विस्तृत बातचीत हुई। प्राचार्यों को निर्देश दिया गया कि वे मान्यता पाने को भौतिक व अकादमिक तैयारियां जल्द कर लें। संस्थानों में नैक की टीम के निरीक्षण के पूर्व कॉलेज परिसर को पर्यावरण फ्रेंडली बनाने, पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन तथा एक्शन रिसर्च पर बल दिया गया। कहा गया कि सभी कार्यरत व्याख्याताओं एवं प्रशिक्षुओं के वार्षिक एप्रेजल भी किये जाएं |
टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों को कोर्स चलाने की मान्यता नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) से मिलती है, लेकिन एनसीटीई की नियमावली के मुताबिक इससे मान्यता के 5 साल के भीतर नैक या किसी अन्य राष्ट्रीय स्तर की संस्था से संबद्धता प्राप्त करना आवश्यक होगा।
राज्य में डायट, बीआईईटी, सीटीईसी तथा पीटीईसी को मिलाकर कुल 66 सरकारी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान हैं। इनमें किसी के पास नैक या समकक्ष अन्य राष्ट्रीय संस्थान की मान्यता नहीं है। राज्य सरकार ने इनको नैक से मान्यता दिलाने की तैयारी शुरू की है। सोमवार को इसको लेकर शिक्षा विभाग के शोध एवं प्रशिक्षण निदेशालय ने शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक बुलाई। उप निदेशक निकुंज प्रकाश नारायण की अध्यक्षता में हुई बैठक में पहले चरण में 43 कॉलेजों के प्राचार्य शामिल हुए।
बैठक में नैक की मान्यता की प्रक्रिया पर विस्तृत बातचीत हुई। प्राचार्यों को निर्देश दिया गया कि वे मान्यता पाने को भौतिक व अकादमिक तैयारियां जल्द कर लें। संस्थानों में नैक की टीम के निरीक्षण के पूर्व कॉलेज परिसर को पर्यावरण फ्रेंडली बनाने, पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन तथा एक्शन रिसर्च पर बल दिया गया। कहा गया कि सभी कार्यरत व्याख्याताओं एवं प्रशिक्षुओं के वार्षिक एप्रेजल भी किये जाएं |