मधेपुरा। एमडीएम की राशि हजम करने वाले 105 विद्यालय प्रधान पर
प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है। विभाग का
मानना है कि बिना प्राथमिकी के अब राशि की वसूली संभव नहीं है। मालूम हो कि
वर्ष 2013 से ही एमडीएम की राशि हजम की जा रही थी।
कई शिक्षक ऐसे हैं जो अब सेवानिवृत भी हो चूके हैं। वर्तमान में एमडीएम के करीब 35 लाख रुपये कई विद्यालय प्रधान पर बकाया है। डीपीओ स्थापना से मिली जानकारी के अनुसार एमडीएम की करी 52 लाख की राशि कई विद्यालय प्रधान ने हजम कर ली थी। बाद में विभागीय दबाव के बाद 17 लाख की राशि वसूली गई। विभाग ने कई शिक्षकों के वेतन पर भी रोक लगाया है। लेकिन विभाग अब इस मामले में किसी तरह की ढील नहीं देगी। कई विद्यालय पर तो एक लाख 66 हजार से ज्यादा की राशि का बकाया है। इसमें चौसा स्थित मध्य विद्यालय बसट्ठा है। वहीं 2014 से मध्य विद्यालय कुश्थन पर एक लाख 16 हजार रूपया का बकाया है। विभाग का कहना है कि इस मामले में सरकार व वरीय पदाधिकारी काफी सख्त हैं। हर हाल में राशि की रिकवरी होनी है।
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कोट
एमडीएम की राशि हर हाल में एचएम को वापस करना होगा। जिनके पास राशि बकाया है और नहीं देने पर विभागीय कार्रवाई के साथ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
शिवशंकर राय
प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी, मधेपुरा।
कई शिक्षक ऐसे हैं जो अब सेवानिवृत भी हो चूके हैं। वर्तमान में एमडीएम के करीब 35 लाख रुपये कई विद्यालय प्रधान पर बकाया है। डीपीओ स्थापना से मिली जानकारी के अनुसार एमडीएम की करी 52 लाख की राशि कई विद्यालय प्रधान ने हजम कर ली थी। बाद में विभागीय दबाव के बाद 17 लाख की राशि वसूली गई। विभाग ने कई शिक्षकों के वेतन पर भी रोक लगाया है। लेकिन विभाग अब इस मामले में किसी तरह की ढील नहीं देगी। कई विद्यालय पर तो एक लाख 66 हजार से ज्यादा की राशि का बकाया है। इसमें चौसा स्थित मध्य विद्यालय बसट्ठा है। वहीं 2014 से मध्य विद्यालय कुश्थन पर एक लाख 16 हजार रूपया का बकाया है। विभाग का कहना है कि इस मामले में सरकार व वरीय पदाधिकारी काफी सख्त हैं। हर हाल में राशि की रिकवरी होनी है।
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कोट
एमडीएम की राशि हर हाल में एचएम को वापस करना होगा। जिनके पास राशि बकाया है और नहीं देने पर विभागीय कार्रवाई के साथ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
शिवशंकर राय
प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी, मधेपुरा।