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प्रथम श्रेणी में 10000 छात्र दोबारा जांच में 3000 हो गये

पटना : प्रथम श्रेणी में पास करने का खेल केवल बिहार बोर्ड में ही नहीं चला है. बल्कि, संस्कृत शिक्षा बोर्ड के मध्यमा के रिजल्ट में भी प्रथम श्रेणी में पास करने का खेल चला. उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन में दस हजार परीक्षार्थी को प्रथम श्रेणी में पास कर दिया गया था. लेकिन, हाइकोर्ट के आदेश पर जब तमाम उत्तर पुस्तिका की जांच दोबारा की गयी, तो सात हजार परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी से बाहर हो गये. यानी प्रथम श्रेणी में अब केवल तीन हजार परीक्षार्थी ही शामिल है. बाकी सात हजार परीक्षार्थी द्वितीय व तृतीय श्रेणी में पास हुए हैं.  
 
गलत मूल्यांकन करनेवाले शिक्षक होंगे ब्लैक लिस्टेड : मूल्यांकन में गलती करनेवाले शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है. बाेर्ड सूत्रों की मानें, तो इसमें काफी संख्या में शिक्षक शामिल है. इन शिक्षकों को चिह्नित कर लिया गया है. ये शिक्षक पैसे लेकर मूल्यांकन में अंकों को बढ़ाने का काम करते हैं. इन शिक्षकों को ब्लैक लिस्टेड किया जायेगा. इसके अलावा शिक्षकों को शोकॉज नोटिस भी भेजा जायेगा. नोटिस का जवाब देने के लिए शिक्षकों को 15 दिनों का समय दिया जायेगा. 
 
30 तक मध्यमा रिजल्ट की होगी घोषणा : मध्यमा बोर्ड की परीक्षा अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ली गयी थी. लेकिन, धांधली और हाइकोर्ट के आदेश पर मूल्यांकन दोबारा 
 
कराया गया. इससे रिजल्ट निकलने में देरी हुई. मध्यमा 2016 में 56 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए. रिजल्ट में देरी होने से इन परीक्षार्थी के नामांकन में परेशानी होगी. वहीं, अब बोर्ड रिजल्ट घोषित करने की तैयारी कर रहा है. 30 नवंबर तक रिजल्ट घोषित कर दी जायेगी. 
शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
 
अक्तूबर में रिजल्ट निकाला जाना था. लेकिन, कई शिकायतें आने के बाद फिर उत्तर पुस्तिका की जांच करवायी गयी. जिन शिक्षकों ने मूल्यांकन में गलती की है. उन पर कार्रवाई होगी. 30 नवंबर तक रिजल्ट घोषित कर दिया जायेगा. 

पीएन मिश्रा, अध्यक्ष, संस्कृत शिक्षा बोर्ड
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