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शिक्षा विरोधी नीति के खिलाफ शिक्षक रहे अवकाश पर

केन्द्र सरकार के शिक्षक और शिक्षा विरोधी नीति के खिलाफ बुधवार को अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकों ने विरोध जाहिर किया। देश भर के सात लाख से अधिक शिक्षक बुधवार को सामूहिक अवकाश पर रहे। अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक महासंघ के बैनर तले शिक्षक अवकाश पर रहे।

बिहार के सभी विवि के शिक्षकों ने अपने विश्वविद्यालय मुख्यालय में एक दिवसीय धरना दिया। सबसे ज्यादा असर मगध विवि के कॉलेजों में देखने को मिला, वहीं पटना विश्वविद्यालय के शिक्षक भी एक दिन के सामूहिक अवकाश पर रहे। हालांकि, सभी शिक्षक इसमें शामिल नहीं हुए। पीजी विभागों और कुछ कॉलेजों में क्लास चला। महासंघ के सदस्य एआई फुक्टो ने कहा कि पूरे देश के शिक्षक एकजुट रहे। अगर केन्द्र सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों में सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन तेज होगा। संघ के अध्यक्ष प्रो. केशव भट्टाचार्य व महासचिव अरुण कुमार ने कहा कि यूजीसी के सातवें वेतन आयोग की पूरी सिफारिश लागू करने एवं जल्द रिपोर्ट सौंपने तथा प्रस्तावित शिक्षा नीति 2016 के नाकारात्मक बिन्दुओं को वापस लेने की मांग की गई।
एपीआई को पूर्णत: समाप्त करने, आरसी/ओसी की समयावधि दिसंबर 2016 तक बढ़ाने, लाखों रिक्त पदों को भरने, उच्च शिक्षा में बजट कटौती पर रोक लगाने, शिक्षा के बजट को जीडीपी के 10 प्रतिशत के समतुल्य करने, सार्वजनिक शिक्षा को बाजार और कॉरपोरेट के हाथों सौंपने पर रोक लगाने की मांग की गई है। नेताओं ने कहा कि एक दिवसीय आंदोलन के जरिए केन्द्र सरकार को चुनौती दी गयी कि वह जल्द मांगों पर गौर करे।
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