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निगरानी ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी, बीडीओ माग रहे योगदान कराने की अनुमति

खगड़िया। निगरानी टीम द्वारा जिन प्रखंड शिक्षकों पर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, उनके विद्यालय में योगदान को लेकर बीडीओ द्वारा विभाग से अनुमति मागी गई है। ऐसे में निगरानी जाच पर भी संदेह उत्पन्न होना तो स्वभाविक ही है।

पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर निगरानी टीम द्वारा जाच चल ही रही है। सूत्रों की मानें तो टीम द्वारा फेक डिग्री व फर्जी युनिवर्सिटी मानकर बेलदौर के चार प्रखंड शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। यह प्राथमिकी बेलदौर थाना काड संख्या 29/2016 को निगरानी टीम द्वारा भादवि की विभिन्न संगीन धाराओं में दर्ज कराई गई थी। जिला शिक्षा स्थापना डीपीओ द्वारा ज्ञापाक 1729, दिनाक 20 जुलाई 2016 द्वारा उन चार शिक्षकों की विद्यालय में उपस्थिति दर्ज कराना बंद कराते हुए नियोजन रद करने का निर्देश दिया गया था।
कौन-कौन हैं शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय छोटी भरना के दीपक कुमार, पूर्वी तेलिहार की किरण कुमारी, मध्य विद्यालय रोहियामा के विद्यालय कुमारी रीता सिन्हा, मध्य विद्यालय भरना की अनु कुमारी पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
-कोट-
उक्त शिक्षकों द्वारा उच्च न्यायालय पटना से पारित आदेश संख्या 20720 /16 एवं 22266/16 की प्रति दी गई है। बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक नियोजन नियमावली 2012 के नियम 15 छ अंतर्गत किसी मामले में निलंबित करते हुए आरोप पत्र गठित कर पदाधिकारी से जाच करानी है। परंतु, डीपीओ के आदेश के कारण आरोप पत्र नहीं गठित की जा सकी और न ही सेवा शर्त का अनुपालन हो पा रहा है। इस आलोक में विभाग से मार्गदर्शन की माग की गई है।
= अमरेंद्र कुमार सिन्हा, बीडीओ, बेलदौर
-कोट-
जानकारी मिली है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद दिल्ली द्वारा अभ्यर्थी को प्राईवेट अभ्यर्थी बताया गया है। परंतु संस्थान की हालात क्या है, फेक संस्थान तो नहीं है। सरकार ने अस्सी से अधिक संस्थानों को ब्लैक लिस्टेड की है। इसकी और गहराई से छानबीन की जरूरत तो है ही।
= शशि कुमार, थानाध्यक्ष, बेलदौर
कोट
निगरानी टीम द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई। कहा जा रहा है कि चारों शिक्षकों ने जमानत ली। अब मार्गदर्शन योगदान कराने को लेकर मागा जा रहा है। इसमें विभाग को कोई मतलब नहीं है। नियोजन इकाई को तय करना है कि उनके पास जो कागजात दिए जा रहे हैं, वह सही है कि दिशा भटकाने जैसी कोई बात है। संबंधित नियोजन इकाई समझे कि उन्हें इस प्रकरण में क्या करना है।

= डा. ब्रज किशोर सिंह, आरडीडीई सह डीईओ, खगड़िया
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