वर्ष 1970 में
किसानों के मसीहा स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर एसबी कॉलेज की स्थापना
हुई थी, तब से लेकर आज तक इस कॉलेज के छात्र यहां से पढ़-लिख कर देश-विदेश
में कॉलेज का नाम रोशन कर रहे हैं. मुख्यालय स्थित अंगीभूत कॉलेज में इसका
भी एक स्थान है.
आरा : एसबी कॉलेज में इंटर सेलेकर पीजी तक की पढ़ाई होती है. हर वर्ष
छात्र दाखिला लेकर ग्रेजुएशन एवं पीजी की डिग्री हासिल करते हैं, लेकिन कुछ
ऐसे भी विभाग इस कॉलेज में हैं, जहां एक भी शिक्षक नहीं हैं. कुछ विभाग एक
ही शिक्षक के सहारे चल रहा है. इस पर यह कहना गलत नहीं होगा कि छात्र
नामांकन लेकर परीक्षा देने के लिए ही कॉलेज में आते हैं और डिग्री लेकर चले
जाते हैं. क्योंकि बगैर शिक्षक के पढ़ाई कैसे संभव है. उसमें भी सरकार
द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करना, इस महाविद्यालय के लिए बेमानी
साबित हो रही है.
पांच हजार छात्र पर महज 12 शिक्षक : एसबी कॉलेज में इंटर से लेकर पीजी
तक की पढ़ाई होती है. स्नातक स्तर पर कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय के
सभी विषयों और पीजी स्तर पर कला एवं विज्ञान के कुछ विषयों की पढ़ाई होती
है. इस तरह छात्रों की संख्या लगभग पांच हजार है. इन पांच हजार छात्रों की
पढ़ाई का जिम्मा वर्तमान में महज 12 शिक्षकों पर ही निर्भर है. कॉलेज में
शिक्षकों के स्वीकृत पद 54 हैं.
किस-किस विभाग में नहीं हैं शिक्षक : एसबी कॉलेज में गणित, भूगोल,
भौतिकी, मनोविज्ञान, प्राकृतिक, वाणिज्य, उर्दू विषय में एक भी शिक्षक नहीं
हैं, जबकि गणित और प्राकृत की पढ़ाई इंटर से पीजी स्तर तक होती है. भौतिकी
विभाग में एक शिक्षक हैं, तो वह भी मेडिकल लीव पर हैं.
र शिक्षक का है. यहां किस तरह पढ़ाई की जाये, यह कॉलेज प्रशासन के भी
समझ से बाहर है, जबकि दाखिला हर वर्ष लिया जाता है. वहीं, अर्थशास्त्र,
इतिहास, हिंदी व संस्कृत विभाग में एक-एक शिक्षक हैं, जिसमें इतिहास के
शिक्षक इसी माह के अंत में रिटायर्ड हो जायेंगे. इस तरह यह विभाग भी खाली
हो जायेगा.
लैब की स्थिति है सही : एसबी कॉलेज में साइंस विषयों के प्रयोगशाला की
स्थिति सही है. आवश्यकतानुसार उपकरण भी हैं. रसायन विभाग का लैब काफी
बेहतर है. रिसर्च सेंटर के रूप में स्थापित करने को लेकर वर्तमान में
तैयारी चल रही है.
नैक को लेकर कॉलेज प्रशासन कर रहा तैयारी : नैक को लेकर एसबी कॉलेज
तैयारियों में जुटा है. छात्रों की बुनियादी सुविधाओं से कॉलेज कैंपस को
लैस किया जा रहा है. एसएसआर जमा कर दिया गया है. सितंबर या अक्तूबर माह में
नैक की टीम कॉलेज का निरीक्षण कर सकता है.
क्या कहते हैं प्राचार्य
नियमित वर्ग संचालन को लेकर कॉलेज प्रशासन प्रयासरत है. छात्रों की 75
प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की गयी है. शिक्षकों की कमी से विश्वविद्यालय
को अवगत कराया गया है. शैक्षणिक माहौल बेहतर बने, लगातार इसके लिए प्रयास
जारी है.
डॉ अनिल कुमार सिन्हा, प्राचार्य, एसीबी कॉलेज
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