खगड़िया। खगड़िया के विद्यालयों में बच्चों के बजाय गुरूजी ही एमडीएम खा
रहे हैं। शिक्षा विभाग के तमाम प्रयास बाद भी विद्यालयों में बच्चों की
फर्जी हाजिरी बनाकर विद्यालय प्रधान गोलमाल में लगे हुए हैं। हाल ही में कई
विद्यालयों के भौतिक सत्यापन के दौरान इस तरह का मामला प्रकाश में आने से
विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
अब विभागीय अधिकारी ऐसे करतूतों में लिप्त गुरूजी पर फर्जीबाड़ा की प्राथमिकी दर्ज कराने के बजाय उनके वेतनादि से राशि वसूली का आदेश देकर खुद घिर रहे हैं। खगड़िया व अलौली प्रखंड समेत करीब एक दर्जन से अधिक विद्यालयों में इस तरह का मामला सामने आने व डीडीओ को वेतनादि से राशि कटौती के आदेश बाद से डीडीओ भी संशय में हैं।
कई डीडीओ का कहना हुआ कि राशि कटौती की प्रक्रिया क्या होगी और कटौती की गई राशि कहां जमा होगा। हालांकि, उन्हें विभाग द्वारा सलाह दी गई है कि इस संदर्भ में वे कोषागार पदाधिकारी से समझ-बूझ लें तो अच्छा होगा। सोमवार को कई डीडीओ कोषागार कार्यालय में देखे गए। विभागीय सूत्रों की मानें तो अकेले अलौली प्रखंड के आठ विद्यालयों में इस तरह का मामला प्रकाश में आया है।
कैसे हुआ मामले का खुलासा
एमडीएम डीपीओ चंद्रशेखर शर्मा व एमडीएम बीआरपी द्वारा जब विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया तो सामने आया कि प्राथमिक विद्यालय झीमा में बनाई गई हाजिरी व भौतिक उपस्थिति में काफी अंतर पाया गया। प्राथमिक विद्यालय सुखासन, मध्य विद्यालय शहरबन्नी, मध्य विद्यालय मुजौना, मध्य विद्यालय सोनिहार जैसे विद्यालयों में भी इसी तरह के हालात देखे गए। एमडीएम समिति द्वारा ऐसे प्रधानों से लाखों रुपये उनके वेतनादि से कटौती को लेकर अनुशंसा की गई। अकेले मध्य विद्यालय सोनिहार के प्रधान से करीब चार लाख रुपये वसूली का आदेश दिया गया है। ऐसे कई प्रधान हैं, जिनसे कटौती हो तो 50 लाख से अधिक की राशि होगी।
कोट
आरोपों से घिरे प्रभारी प्रधानों से राशि वसूली को लेकर सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी एवं बीईओ को निर्देश दिए गए हैं। उनके वेतनादि से तब तक राशि कटौती करने को कहा गया है, जब तक एमडीएम के नाम पर आवश्यकता से अधिक निकासी की राशि जमा न हो जाए।
= सुरेश साहू, डीपीओ, स्थापना, शिक्षा विभाग, खगड़िया।
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कई डीडीओ का कहना हुआ कि राशि कटौती की प्रक्रिया क्या होगी और कटौती की गई राशि कहां जमा होगा। हालांकि, उन्हें विभाग द्वारा सलाह दी गई है कि इस संदर्भ में वे कोषागार पदाधिकारी से समझ-बूझ लें तो अच्छा होगा। सोमवार को कई डीडीओ कोषागार कार्यालय में देखे गए। विभागीय सूत्रों की मानें तो अकेले अलौली प्रखंड के आठ विद्यालयों में इस तरह का मामला प्रकाश में आया है।
कैसे हुआ मामले का खुलासा
एमडीएम डीपीओ चंद्रशेखर शर्मा व एमडीएम बीआरपी द्वारा जब विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया तो सामने आया कि प्राथमिक विद्यालय झीमा में बनाई गई हाजिरी व भौतिक उपस्थिति में काफी अंतर पाया गया। प्राथमिक विद्यालय सुखासन, मध्य विद्यालय शहरबन्नी, मध्य विद्यालय मुजौना, मध्य विद्यालय सोनिहार जैसे विद्यालयों में भी इसी तरह के हालात देखे गए। एमडीएम समिति द्वारा ऐसे प्रधानों से लाखों रुपये उनके वेतनादि से कटौती को लेकर अनुशंसा की गई। अकेले मध्य विद्यालय सोनिहार के प्रधान से करीब चार लाख रुपये वसूली का आदेश दिया गया है। ऐसे कई प्रधान हैं, जिनसे कटौती हो तो 50 लाख से अधिक की राशि होगी।
कोट
आरोपों से घिरे प्रभारी प्रधानों से राशि वसूली को लेकर सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी एवं बीईओ को निर्देश दिए गए हैं। उनके वेतनादि से तब तक राशि कटौती करने को कहा गया है, जब तक एमडीएम के नाम पर आवश्यकता से अधिक निकासी की राशि जमा न हो जाए।
= सुरेश साहू, डीपीओ, स्थापना, शिक्षा विभाग, खगड़िया।
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