सख्ती. फर्जी शिक्षक नियोजन मामले में डीएम हुए सख्त
जिले में शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा के आधार पर नौकरी की मलाई खा
रहे लोगों के लिये बुरी खबर है. हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद डीएम ने सख्ती
दिखाते हुए निगरानी जांच के लिये शिक्षक नियोजन फोल्डर व मेधा सूची उपलब्ध
करवाने में आनाकानी करने वाले नियोजन ईकाई पर जल्द ही प्राथमिकी की गाज
गिरने वाली है.
खगड़िया : पिछले दरवाजे से नौकरी पाने वाली पूनम की खुशी काफूर हो गयी
है. पिछले दरवाजे से फर्जीवाड़ा के सहारे मोटी रकम देकर नौकरी पाने वाली
पूनम को यह अंदेशा नहीं था कि आगे चल कर निगरानी जांच का डंडा चलने वाला
है. उनके जैसे कई शिक्षक जो फर्जीवाड़ा के सहारे नौकरी प्राप्त किये हैं
उनकी परेशानी बढ़ने वाली है. जिले में शिक्षक नियोजन में धांधली का आलम यह
है कि टीइटी पास करने वाले के नाम से फर्जीवाड़ा कर शिक्षक बनने में
सैकड़ों लोग कामयाब हो गये हैं. इधर, डीएम जय सिंह ने फोल्डर व मेधा सूची
नहीं सौंपने वाले नियोजन ईकाई के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सख्त
कार्रवाई के संकेत दिये हैं. डीएम ने डीइओ को पत्र भेज कर ऐसे नियोजन
ईकाईयों पर तुरंत प्राथमिकी का निर्देश दिया है.
ताकि निगरानी जांच में तेजी लाया जा सके. बताया जाता है कि शिक्षा
विभाग में कार्यरत शिक्षक से लेकर कर्मचारी तक ने फर्जी शिक्षक नियोजन की
गंगा में डूबकी लगाते हुए अपने कई परिजनों को शिक्षक बनाने में कामयाब रहे
हैं. सूत्रों की मानें तो डीइओ कार्यालय में कार्यरत एक कर्मचारी के आधा
दर्जन सगे संबंधी फरजी रूप से शिक्षक बने हुए हैं. अलौली से लेकर परबत्ता
तक में शिक्षक नियोजन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की खबर है.
ऐसे शिक्षकों के फोल्डर व मेधा सूची निगरानी के हाथ लग जायेंगे तो इन
फर्जी शिक्षकों को हवालात की हवा खाने के अलावा इस काले कारोबार में मदद
करने वालों के हाथों में भी हथकड़ी लग सकती है.
900 से अधिक फर्जी शिक्षक हैं कार्यरत : कहा जाता है कि उस वक्त
शिक्षक नियोजन में अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक ने अपने मनपसंद
उम्मीदवारों को नियोजित करवाने में कामयाब रहे. अलौली से लेकर परबत्ता तक
में शिक्षक नियोजन में हेराफेरी के बावत कई बार आवाज उठ चुकी है. दर्जनों
फरजी शिक्षकों पर प्राथमिकी तक हो चुकी है. सूत्रों की मानें तो जिले भर
में अभी भी करीब 900 से अधिक फर्जी शिक्षक कार्यरत हैं. जिसका खुलासा आने
वाले दिनों में निगरानी जांच में तेजी आने के बाद होने की उम्मीद हैं. इधर,
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अब तक निगरानी विभाग को सभी नियोजित
शिक्षकों का फोल्डर नहीं सौंपा है. 52 नियोजन ईकाईयों पर प्राथमिकी भी हो
चुकी है लेकिन फिर भी कई नियोजन ईकाई द्वारा निगरानी को कागजात उपलब्ध नहीं
करवाये जा रहे हैं.
कई नियोजन ईकाईयों ने तो उस वक्त के कागजात उपलब्ध नहीं रहने की बात
कही है. बताया जाता है कि इसके पीछे फर्जीवाड़े पर परदा डालने की रणनीति
है. लेकिन पटना हाईकोर्ट के कड़े रुख से शिक्षा विभाग में खलबली मची हुई
है. इधर, नियोजन ईकाईयों से फोल्डर लेने में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की
सांसे फूल रही है.
शिक्षक नियोजन से जुड़े फोल्डर व मेधा सूची सौंपने में आनाकानी करने
वाले नियोजन ईकाई पर तुरंत प्राथमिकी करने का निर्देश डीइओ व डीपीओ स्थापना
को दिया गया है. इसमें आनाकानी करने वाले अधिकारी को भी बख्शा नहीं
जायेगा.
डीएम, जय सिंह.
प्रखंडवार जानकारी
प्रखंड कुल फोल्डर जमा नहीं होने वाले फोल्डरों
की संख्या
गोगरी 853 154
मानसी 252 57
बेलदौर 556 174
परबत्ता 746 347
खगड़िया 883 276
अलौली 879 546
चौथम 568 523
कुल 4737 2074
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