मोतिहारी। टीईटी प्रमाण पत्र मामले में
नॉट क्वालिफाई वाले शिक्षक अभ्यर्थियों की संख्या आधा दर्जन तक पहुंच गई
है। मोतिहारी के जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में दो वर्षीय
कोर्स में नामांकन कराने को लेकर ज्यादा टीईटी अंक प्रमाण पत्र का खेल करने
वालों की सच्चाई सामने आ चुकी है।
दो दिनों से जारी सीडी मिलान के बाद जिन शिक्षक अभ्यर्थियों का टीईटी प्रमाण पत्र विभागीय वेबसाइट पर नाट क्वालिफाई पाया गया है उनमें संजय सहनी, असफेया खातून, अशोक कुमार, कुंदन कुमार, रविन्द्र कुमार व मंजू कुमारी शामिल हैं। इन अभ्यर्थियों से डायट के प्रभारी प्राचार्य उपेन्द्र बैठा ने स्पष्टीकरण मांगा है। सभी अभ्यर्थियों को अपनी आपत्ति 21 जून तक रखने को कहा गया है। अन्यथा यह समझा जाएगा कि संबंधित अभ्यर्थियों द्वारा फर्जीवाड़ा किया गया है। बहरहाल, मामला सामने आने के बाद से शनिवार तक आधा दर्जन अभ्यर्थियों में से एक भी अभ्यर्थी अपना विरोध दर्ज कराने डायट कार्यालय नहीं पहुंचा। इन अभ्यर्थियों में से असफेया खातून ढाका के प्राथमिक विद्यालय रूपौलिया खुर्द में कार्यरत हैं। वेबसाइट पर इनके टीईटी प्रमाण पत्र में वास्तविक अंक 18.66 है, जबकि डायट में नामांकन के लिए आवेदन में लगाए गए टीईटी अंक पत्र में 82 प्रतिशत है। इसके अलावा संग्रामपुर के बरियरिया वार्ड संख्या- 11 स्थित एनपीएस नुनिया देवान टोला में कार्यरत कुंदन कुमार का वास्तविक टीईटी अंक 42.66 है, जबकि आवेदन में अंकों का प्रतिशत 84 है। मुजफ्फरपुर के मीनापुर राजकीय मध्य विद्यालय रैपुरा में कार्यरत रविन्द्र कुमार का वास्तविक अंक 36 प्रतिशत है, जबकि आवेदन में अंकों का प्रतिशत 70, सुगौली के प्राथमिक विद्यालय परशुरामपुर मुसहर टोली में कार्यरत संजय सहनी का वास्तविक अंक का प्रतिशत 29.33 है, जबकि आवेदन में 66 प्रतिशत का अंक पत्र लगाया गया है। पकड़ीदयाल के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बारा हरूख में कार्यरत शिक्षक अशोक कुमार का वास्तविक अंक 36 प्रतिशत है जबकि आवेदन में 70 प्रतिशत का अंक पत्र लगाया गया है। पहाड़पुर के यूएमएस इब्राहिमपुर में कार्यरत मंजू कुमारी का वास्तविक अंक का प्रतिशत 32.66 है जबकि आवेदन में 65.33 प्रतिशत का अंक पत्र लगाया गया है। विभागीय स्तर पर फर्जी अंक पत्र के रूप में सामने आने वाले शिक्षकों के नियोजन प्रक्रिया को भी अब खंगाला जाएगा। इसकी प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो सकती है। यहां बता दे कि टीईटी प्रमाण पत्रों की जांच के लिए पूर्व में शिक्षा विभाग को राज्यस्तर से कई बार पत्र आ चुका है। जांच के नाम पर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों को एक बार नहीं कई बार जमा भी कराया गया है, लेकिन आज तक जांच की प्रक्रिया पूरी नहीं होना प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
इनसेट बयान
जिले में प्रशिक्षण के लिए दोनों केन्द्रों पर नामांकन की प्रक्रिया सीडी मिलान के बाद ही पूरी होनी है। मेरिट लिस्ट में फर्जी अंक पत्र के रूप में सामने आने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तय है। अब ऐसे शिक्षकों के नियोजन प्रक्रिया को भी खंगाला जाएगा कि उनका नियोजन विभागीय नियमावली के अनुसार हुआ या इसे दरकिनार कर किया गया। इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
- कुमार सहजानंद, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्वी चंपारण।
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दो दिनों से जारी सीडी मिलान के बाद जिन शिक्षक अभ्यर्थियों का टीईटी प्रमाण पत्र विभागीय वेबसाइट पर नाट क्वालिफाई पाया गया है उनमें संजय सहनी, असफेया खातून, अशोक कुमार, कुंदन कुमार, रविन्द्र कुमार व मंजू कुमारी शामिल हैं। इन अभ्यर्थियों से डायट के प्रभारी प्राचार्य उपेन्द्र बैठा ने स्पष्टीकरण मांगा है। सभी अभ्यर्थियों को अपनी आपत्ति 21 जून तक रखने को कहा गया है। अन्यथा यह समझा जाएगा कि संबंधित अभ्यर्थियों द्वारा फर्जीवाड़ा किया गया है। बहरहाल, मामला सामने आने के बाद से शनिवार तक आधा दर्जन अभ्यर्थियों में से एक भी अभ्यर्थी अपना विरोध दर्ज कराने डायट कार्यालय नहीं पहुंचा। इन अभ्यर्थियों में से असफेया खातून ढाका के प्राथमिक विद्यालय रूपौलिया खुर्द में कार्यरत हैं। वेबसाइट पर इनके टीईटी प्रमाण पत्र में वास्तविक अंक 18.66 है, जबकि डायट में नामांकन के लिए आवेदन में लगाए गए टीईटी अंक पत्र में 82 प्रतिशत है। इसके अलावा संग्रामपुर के बरियरिया वार्ड संख्या- 11 स्थित एनपीएस नुनिया देवान टोला में कार्यरत कुंदन कुमार का वास्तविक टीईटी अंक 42.66 है, जबकि आवेदन में अंकों का प्रतिशत 84 है। मुजफ्फरपुर के मीनापुर राजकीय मध्य विद्यालय रैपुरा में कार्यरत रविन्द्र कुमार का वास्तविक अंक 36 प्रतिशत है, जबकि आवेदन में अंकों का प्रतिशत 70, सुगौली के प्राथमिक विद्यालय परशुरामपुर मुसहर टोली में कार्यरत संजय सहनी का वास्तविक अंक का प्रतिशत 29.33 है, जबकि आवेदन में 66 प्रतिशत का अंक पत्र लगाया गया है। पकड़ीदयाल के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बारा हरूख में कार्यरत शिक्षक अशोक कुमार का वास्तविक अंक 36 प्रतिशत है जबकि आवेदन में 70 प्रतिशत का अंक पत्र लगाया गया है। पहाड़पुर के यूएमएस इब्राहिमपुर में कार्यरत मंजू कुमारी का वास्तविक अंक का प्रतिशत 32.66 है जबकि आवेदन में 65.33 प्रतिशत का अंक पत्र लगाया गया है। विभागीय स्तर पर फर्जी अंक पत्र के रूप में सामने आने वाले शिक्षकों के नियोजन प्रक्रिया को भी अब खंगाला जाएगा। इसकी प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो सकती है। यहां बता दे कि टीईटी प्रमाण पत्रों की जांच के लिए पूर्व में शिक्षा विभाग को राज्यस्तर से कई बार पत्र आ चुका है। जांच के नाम पर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों को एक बार नहीं कई बार जमा भी कराया गया है, लेकिन आज तक जांच की प्रक्रिया पूरी नहीं होना प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
इनसेट बयान
जिले में प्रशिक्षण के लिए दोनों केन्द्रों पर नामांकन की प्रक्रिया सीडी मिलान के बाद ही पूरी होनी है। मेरिट लिस्ट में फर्जी अंक पत्र के रूप में सामने आने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तय है। अब ऐसे शिक्षकों के नियोजन प्रक्रिया को भी खंगाला जाएगा कि उनका नियोजन विभागीय नियमावली के अनुसार हुआ या इसे दरकिनार कर किया गया। इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
- कुमार सहजानंद, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्वी चंपारण।
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