बेरमो : जवाहर नवोदय विद्यालय तेनुघाट में स्नातकोत्तर शिक्षकों के लिए
21 दिवसीय अधिष्ठापन पाठ्यक्रम (इंडक्शन कोर्स) का शुभारंभ मंगलवार को
हुआ। इसमें नवोदय विद्यालय समिति पटना संभाग अंतर्गत झारखंड, बिहार व
पश्चिम बंगाल स्थित नवोदय विद्यालय के शिक्षक भाग ले रहे हैं।
मुख्य अतिथि बोकारो इस्पात लिमिटेड (बीएसएल) के महाप्रबंधक कार्मिक एवं प्रशासनिक पीआर बालासुब्रमण्यम ने शिक्षकों से कहा कि सफल शिक्षण के लिए छात्र-छात्राओं को केंद्र ¨बदू बनाकर पठन-पाठन की क्रिया संचालित करना चाहिए। वर्तमान परिप्रेक्ष्य एवं बदलते परिवेश में छात्र-छात्राओं की मन:स्थिति को देखते हुए शिक्षक यह तय करें कि किस प्रकार की पद्धति को सक्रिय करना उपयुक्त होगा।
बोकारो जेनरल अस्पताल के एजीएम डॉ. टी पांचाल ने शिक्षा का विशद अर्थ बताते हुए कहा कि यह पर्यावरण से जुड़ा हुआ है। पर्यावरण से ज्ञानार्जन किया जा सकता है। प्रकृति से जुड़ी सबसे छोटी जीव चींटी की दिनचर्या पर दौर करें तो विद्वानों द्वारा रचित प्रबंधन सिद्धांत का अनुभव कर सकते हैं। कहा कि परिवेश के अनुसार स्वयं को ढालें, यही वास्तविक शिक्षा है।
प्राचार्य सह कोर्स डायरेक्टर डॉ. डीके मोदी ने अतिथियों का स्वागत किया। इस कोर्स में बिहार, झारखंड व बंगाल के विभिन्न नवोदय विद्यालयों के 50 स्नातकोत्तर शिक्षक सम्मिलित हुए। छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं स्वगात गीत प्रस्तुत किया। शिक्षक एसआर राय ने मंच संचालन किया। धन्यवाद ज्ञापन उपप्राचार्य डॉ. आरपी ¨सह ने किया। वरीय शिक्षक राकेश कुमार, दीपक कुमार, शिक्षिका अनुराधा आदि ने योगदान दिया।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
मुख्य अतिथि बोकारो इस्पात लिमिटेड (बीएसएल) के महाप्रबंधक कार्मिक एवं प्रशासनिक पीआर बालासुब्रमण्यम ने शिक्षकों से कहा कि सफल शिक्षण के लिए छात्र-छात्राओं को केंद्र ¨बदू बनाकर पठन-पाठन की क्रिया संचालित करना चाहिए। वर्तमान परिप्रेक्ष्य एवं बदलते परिवेश में छात्र-छात्राओं की मन:स्थिति को देखते हुए शिक्षक यह तय करें कि किस प्रकार की पद्धति को सक्रिय करना उपयुक्त होगा।
बोकारो जेनरल अस्पताल के एजीएम डॉ. टी पांचाल ने शिक्षा का विशद अर्थ बताते हुए कहा कि यह पर्यावरण से जुड़ा हुआ है। पर्यावरण से ज्ञानार्जन किया जा सकता है। प्रकृति से जुड़ी सबसे छोटी जीव चींटी की दिनचर्या पर दौर करें तो विद्वानों द्वारा रचित प्रबंधन सिद्धांत का अनुभव कर सकते हैं। कहा कि परिवेश के अनुसार स्वयं को ढालें, यही वास्तविक शिक्षा है।
प्राचार्य सह कोर्स डायरेक्टर डॉ. डीके मोदी ने अतिथियों का स्वागत किया। इस कोर्स में बिहार, झारखंड व बंगाल के विभिन्न नवोदय विद्यालयों के 50 स्नातकोत्तर शिक्षक सम्मिलित हुए। छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं स्वगात गीत प्रस्तुत किया। शिक्षक एसआर राय ने मंच संचालन किया। धन्यवाद ज्ञापन उपप्राचार्य डॉ. आरपी ¨सह ने किया। वरीय शिक्षक राकेश कुमार, दीपक कुमार, शिक्षिका अनुराधा आदि ने योगदान दिया।
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