भागलपुर । राजभवन के ने सख्त निर्देश जारी किया है कि विश्वविद्यालय और
कॉलेजों के शिक्षकों को पांच घंटे विश्वविद्यालय में रहना है। किंतु इस
आदेश के विरोध में शिक्षक संघ उतरने वाले हैं। टीएनबी कॉलेज शिक्षक संघ के
नेता दयानंद राय ने कहा है कि कॉलेजों में शिक्षकों को बैठने के लिए पहले
संसाधन की व्यवस्था की जाए। तभी कॉलेजों में शिक्षकों को पांच घंटे रहना
सुनिश्चित करें।
गर्मी के दिनों में किसी-किसी कॉलेजों में पंख रहते हुए भी नहीं चलता है। इसलिए ऐसी व्यवस्था में कैसे शिक्षक पांच घंटे कॉलेजों में रहेंगे। उन्होंने कहा कि राजभवन में हर एक मुद्दे पर चर्चा होती है। किंतु इस मामले में टीएमबीयू के कुलपति और प्रतिकुलपति ने शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों और पेंशनधारियों के बकाया वेतन के बारे में कोई चर्चा नहीं की। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। वेतन मुद्दे को लेकर शिक्षक संघ जल्द ही आंदोलन करेगा।
राजभवन के आदेश के बाद विश्वविद्यालय को आदेश दिया गया कि जो शिक्षक कार्यावधि में अनुपस्थित हो और पांच घंटे विभाग में ना रहते हैं। उनपर विश्वविद्यालय प्रशासन कार्रवाई कर रिपोर्ट राजभवन को दे। इस बात पर भी राजभवन ने काफी सख्ती से आदेश दिया है। अक्सर ऐसी शिकायतें आती है कि विभागों और कॉलेजों में छात्र हैं किंतु शिक्षक नहीं रहते। यह मुख्यालय के बाहर कुछ कॉलेजों को छोड़कर अमूमन सभी कॉलेजों में रहता है।
इसके लिए टीएमबीयू के कुलपति प्रो. रमाशंकर दुबे भी कहते हैं कि जहां छात्र कॉलेजों आने में रुचि नहीं दिखाते कॉलेज प्रशासन उसके लिए जागरूकता चलाकर कॉलेज बुलाएं। यदि इसके लिए उनके घर से संपर्क करना पड़े तो वे भी करें। कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए छात्रों को कॉलेजों आना जरुरी है। यदि छात्रों को कॉलेजों में लाने के लिए सख्ती भी करनी पड़े तो कॉलेज करें। ताकि छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत तक कॉलेजों में पूरी हो सके।
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गर्मी के दिनों में किसी-किसी कॉलेजों में पंख रहते हुए भी नहीं चलता है। इसलिए ऐसी व्यवस्था में कैसे शिक्षक पांच घंटे कॉलेजों में रहेंगे। उन्होंने कहा कि राजभवन में हर एक मुद्दे पर चर्चा होती है। किंतु इस मामले में टीएमबीयू के कुलपति और प्रतिकुलपति ने शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों और पेंशनधारियों के बकाया वेतन के बारे में कोई चर्चा नहीं की। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। वेतन मुद्दे को लेकर शिक्षक संघ जल्द ही आंदोलन करेगा।
राजभवन के आदेश के बाद विश्वविद्यालय को आदेश दिया गया कि जो शिक्षक कार्यावधि में अनुपस्थित हो और पांच घंटे विभाग में ना रहते हैं। उनपर विश्वविद्यालय प्रशासन कार्रवाई कर रिपोर्ट राजभवन को दे। इस बात पर भी राजभवन ने काफी सख्ती से आदेश दिया है। अक्सर ऐसी शिकायतें आती है कि विभागों और कॉलेजों में छात्र हैं किंतु शिक्षक नहीं रहते। यह मुख्यालय के बाहर कुछ कॉलेजों को छोड़कर अमूमन सभी कॉलेजों में रहता है।
इसके लिए टीएमबीयू के कुलपति प्रो. रमाशंकर दुबे भी कहते हैं कि जहां छात्र कॉलेजों आने में रुचि नहीं दिखाते कॉलेज प्रशासन उसके लिए जागरूकता चलाकर कॉलेज बुलाएं। यदि इसके लिए उनके घर से संपर्क करना पड़े तो वे भी करें। कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए छात्रों को कॉलेजों आना जरुरी है। यदि छात्रों को कॉलेजों में लाने के लिए सख्ती भी करनी पड़े तो कॉलेज करें। ताकि छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत तक कॉलेजों में पूरी हो सके।
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