देशभर के सभी स्कूली बच्चों का अब आधार कार्ड या यूनिक नंबर के जरिए रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा। यानी, आधार कार्ड या यूनिक नंबर बच्चे की पहचान बनेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय इसी नंबर से बच्चे के
स्कूल में दाखिला दिलवाने से लेकर पढ़ाई, ड्रॉपआउट, विषय और शिक्षकों की रियल टाइम मॉनिटरिंग से रिव्यू करेगा। बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए स्कूल बस उपलब्ध करवाने की योजना पर भी काम हो रहा है।
खास बात यह है कि रिपोर्ट कार्ड बनाने के मंत्रालय की सिफारिश के आधार पर पंद्रह राज्यों ने काम भी शुरू कर दिया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक, देश भर के कितने स्कूलों में कितने बच्चे पढ़ते है, उनका रिजल्ट कैसा है, शिक्षक कौन सी क्लास में पढ़ा रहा है और क्या पढ़ा रहा है, अभी तक उसकी जानकारी केंद्र की बात तो दूर, राज्य सरकारों के पास भी नहीं होती है। हालांकि, स्कूल बजट या शिक्षा की योजनाएं बनाते समय इन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार और गुणवत्ता वाली शिक्षा मुहैया करवाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने रियल टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था शुरू करने की पहल की है। मंत्रालय एनआईसी (नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर) के सर्वर में बच्चों के आधार कार्ड नंबर या यूनिक नंबर को सुरक्षित रखेगा, जिससे मॉनिटरिंग की जाएगी। बच्चों के डाटा स्कूल में फीड होने के बाद यह एनआईसी को उपलब्ध कराया जाएगा।
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स्कूल में दाखिला दिलवाने से लेकर पढ़ाई, ड्रॉपआउट, विषय और शिक्षकों की रियल टाइम मॉनिटरिंग से रिव्यू करेगा। बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए स्कूल बस उपलब्ध करवाने की योजना पर भी काम हो रहा है।
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हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार और गुणवत्ता वाली शिक्षा मुहैया करवाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने रियल टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था शुरू करने की पहल की है। मंत्रालय एनआईसी (नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर) के सर्वर में बच्चों के आधार कार्ड नंबर या यूनिक नंबर को सुरक्षित रखेगा, जिससे मॉनिटरिंग की जाएगी। बच्चों के डाटा स्कूल में फीड होने के बाद यह एनआईसी को उपलब्ध कराया जाएगा।
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