मुजफ्फरपुर : माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में बहाल शिक्षकों की चल
रही निगरानी जांच में नियोजन इकाइयों का खूब खेल चल रहा है। इनकी ओर से
सही आंकड़े व प्रमाणपत्र नहीं देने से जांच की गति काफी धीमी है। अगर यही
स्थिति रही तो एक साल में भी जांच की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकेगी।
निगरानी, पटना ने दर्जनों अभ्यर्थियों की फाइल पूरा ब्योरा नहीं रहने के कारण डीपीओ स्थापना को लौटा दी है। दूसरी ओर विवि को भेजे गए प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी मिली है, इसलिए विवि बिना जांच के ही प्रमाणपत्र वापस कर रहा है। डीपीओ स्थापना को स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है ताकि जांच की कार्रवाई आगे बढ़ सके।
गुजरे तीन माह
विदित हो कि हाईकोर्ट के निर्देश पर नियोजित शिक्षकों की निगरानी जांच कर रही है। कोर्ट को जानकारी मिली कि बड़े पैमाने पर फर्जी तरीके से शिक्षक काम कर रहे हैं तो जांच शुरू हुई। लेकिन जांच के तीन माह से अधिक हो गए पर रफ्तार धीमी है।
200 शिक्षक दे चुके हैं त्यागपत्र
जानकारी के अनुसार जिले के माध्यमिक स्कूलों में 1190 और उच्च माध्यमिक स्कूलों में 546 शिक्षकों का नियोजन हुआ था। इनमें 200 से अधिक शिक्षक त्याग पत्र दे चुके हैं। माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की बहाली जिला परिषद, नगर पंचायत कांटी, साहेबगंज, मोतीपुर के अलावा नगर निगम नियोजन इकाई ने की है। निगरानी के आदेश पर नियोजन इकाइयों ने शिक्षकों के आवश्यक कागजात सौंपे, लेकिन इसमें कई गड़बड़ियां मिलीं। किसी की प्रोफाइल में आवेदन पत्र गायब है तो किसी में अंक पत्र। शैक्षणिक योग्यता से संबंधित अंक पत्र व अन्य कागजात की छाया प्रति कटी-छंटी है। ऐसे अभ्यर्थियों की प्रोफाइल को चिह्नित कर डीपीओ स्थापना को लौटाया गया है। दूसरी ओर विवि को भेजे अंक पत्र में विवि का ख्याल नहीं रखा गया। पटना विवि में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय का तो बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में दरभंगा का अंक पत्र भेजा गया है। ऐसे प्रमाणपत्रों को विवि ने वापस कर दिया है।
कोट-
निगरानी ने कई फाइलें वापस की हैं। फाइल में पूरे कागजात नहीं थे। नियोजन इकाई से कागजात मांगे गए हैं।
-अवनीन्द्र कुमार सिन्हा, डीपीओ, स्थापना
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
निगरानी, पटना ने दर्जनों अभ्यर्थियों की फाइल पूरा ब्योरा नहीं रहने के कारण डीपीओ स्थापना को लौटा दी है। दूसरी ओर विवि को भेजे गए प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी मिली है, इसलिए विवि बिना जांच के ही प्रमाणपत्र वापस कर रहा है। डीपीओ स्थापना को स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है ताकि जांच की कार्रवाई आगे बढ़ सके।
गुजरे तीन माह
विदित हो कि हाईकोर्ट के निर्देश पर नियोजित शिक्षकों की निगरानी जांच कर रही है। कोर्ट को जानकारी मिली कि बड़े पैमाने पर फर्जी तरीके से शिक्षक काम कर रहे हैं तो जांच शुरू हुई। लेकिन जांच के तीन माह से अधिक हो गए पर रफ्तार धीमी है।
200 शिक्षक दे चुके हैं त्यागपत्र
जानकारी के अनुसार जिले के माध्यमिक स्कूलों में 1190 और उच्च माध्यमिक स्कूलों में 546 शिक्षकों का नियोजन हुआ था। इनमें 200 से अधिक शिक्षक त्याग पत्र दे चुके हैं। माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की बहाली जिला परिषद, नगर पंचायत कांटी, साहेबगंज, मोतीपुर के अलावा नगर निगम नियोजन इकाई ने की है। निगरानी के आदेश पर नियोजन इकाइयों ने शिक्षकों के आवश्यक कागजात सौंपे, लेकिन इसमें कई गड़बड़ियां मिलीं। किसी की प्रोफाइल में आवेदन पत्र गायब है तो किसी में अंक पत्र। शैक्षणिक योग्यता से संबंधित अंक पत्र व अन्य कागजात की छाया प्रति कटी-छंटी है। ऐसे अभ्यर्थियों की प्रोफाइल को चिह्नित कर डीपीओ स्थापना को लौटाया गया है। दूसरी ओर विवि को भेजे अंक पत्र में विवि का ख्याल नहीं रखा गया। पटना विवि में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय का तो बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में दरभंगा का अंक पत्र भेजा गया है। ऐसे प्रमाणपत्रों को विवि ने वापस कर दिया है।
कोट-
निगरानी ने कई फाइलें वापस की हैं। फाइल में पूरे कागजात नहीं थे। नियोजन इकाई से कागजात मांगे गए हैं।
-अवनीन्द्र कुमार सिन्हा, डीपीओ, स्थापना
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