पटना। अब राज्य में रहने वाली उच्च जातियों को भी अनुसूचित जाति, अनुसूचित
जनजाति व अत्यंत पिछड़ा वर्ग की भांति जाति प्रमाण पत्र मिलेगा। उच्च
जातियों के लिए गठित राज्य आयोग की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने इस संबंध में
आदेश जारी कर दिया है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने आधिकारिक तौर पर बताया कि सूबे में रहने वाली उच्च जातियों में शैक्षणिक और आर्थिक रूप से कमजोर जातियों की पहचान करने के लिए चार साल पहले राज्य आयोग का गठन किया गया था।
आयोग ने हाल ही में अनुशंसा की थी कि राज्य की उच्च जातियों जिसमें अल्पसंख्यक भी शामिल हैं, के परिवारों से आने वाले छात्र जिन्होंने मैट्रिक की परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से प्रथम श्रेणी में पास की है उन्हें भी मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना में शामिल किया जाए।
आयोग ने सरकार को भेजी अपनी अनुशंसा में स्पष्ट किया था कि मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत उच्च जाति के छात्रों को भी एक मुश्त दस हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाए। शर्त यह लगाई गई कि जिस परिवार से छात्र आते हैं उनकी सालाना आय डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा न हो।
आयोग ने अनुशंसा में यह भी कहा था कि शिक्षा विभाग उच्च जातियों के लिए छात्रवृत्ति देने की योजना भी चलाए। जिसके अंतर्गत डेढ़ लाख से कम आय वाले परिवार के क्लास एक से दस तक छात्रों को लाभान्वित किया जाएगा।
सरकार ने तमाम अनुशंसा पर अपनी सहमति प्रदान करते हुए यह आदेश जारी किया कि अब तक सूबे में सिर्फ अनुसूचित जाति-जनजाति व अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लोगोंं के लिए जाति प्रमाणपत्र जारी करने की व्यवस्था है।
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सामान्य प्रशासन विभाग ने आधिकारिक तौर पर बताया कि सूबे में रहने वाली उच्च जातियों में शैक्षणिक और आर्थिक रूप से कमजोर जातियों की पहचान करने के लिए चार साल पहले राज्य आयोग का गठन किया गया था।
आयोग ने हाल ही में अनुशंसा की थी कि राज्य की उच्च जातियों जिसमें अल्पसंख्यक भी शामिल हैं, के परिवारों से आने वाले छात्र जिन्होंने मैट्रिक की परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से प्रथम श्रेणी में पास की है उन्हें भी मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना में शामिल किया जाए।
आयोग ने सरकार को भेजी अपनी अनुशंसा में स्पष्ट किया था कि मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत उच्च जाति के छात्रों को भी एक मुश्त दस हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाए। शर्त यह लगाई गई कि जिस परिवार से छात्र आते हैं उनकी सालाना आय डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा न हो।
आयोग ने अनुशंसा में यह भी कहा था कि शिक्षा विभाग उच्च जातियों के लिए छात्रवृत्ति देने की योजना भी चलाए। जिसके अंतर्गत डेढ़ लाख से कम आय वाले परिवार के क्लास एक से दस तक छात्रों को लाभान्वित किया जाएगा।
सरकार ने तमाम अनुशंसा पर अपनी सहमति प्रदान करते हुए यह आदेश जारी किया कि अब तक सूबे में सिर्फ अनुसूचित जाति-जनजाति व अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लोगोंं के लिए जाति प्रमाणपत्र जारी करने की व्यवस्था है।
नई व्यवस्था में उच्च
जाति के लोगों को भी जाति प्रमाणपत्र देने का आदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की
सहमति के बाद जारी किया। सरकार के आदेश के आलोक मे तमाम पहलुओं पर विचार
करने के बाद अब हिन्दू समुदाय की उच्च जाति यथा ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत,
कायस्थ एवं मुस्लिम समुदाय की उच्च जाति सैयद, शेख, पठान को भी जाति
प्रमाणपत्र जारी करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
जाति प्रमाणपत्र मिलने पर आवेदकों को अपने बच्चे के लिए मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना की राशि प्राप्त करने में कठिनाई न हो, इसके लिए यह फैसला किया गया है।
जाति प्रमाणपत्र मिलने पर आवेदकों को अपने बच्चे के लिए मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना की राशि प्राप्त करने में कठिनाई न हो, इसके लिए यह फैसला किया गया है।
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