लोहाघाट/चंपावत: गुमदेश क्षेत्र की
सबसे पुरानी शिक्षण संस्था जीआईसी पुलहिंडोला की बदहाली को लेकर यहां के
अभिभावक लामबंद हो गए हैं। ग्रामीणों ने यहां के रामलीला मैदान में बैठक कर
सरकार को आगाह किया कि यदि 10 दिनों के भीतर यहां विज्ञान, कृषि तथा अन्य
विषयों के रिक्त पदों पर शिक्षकों की तैनाती नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे।
शिवराज सिंह अधिकारी की अध्यक्षता और लक्ष्मण सिंह भंडारी के संचालन
में हुई बैठक में वक्ताओं का कहना था कि शिक्षकों के अभाव के कारण यहां के
बच्चों को इंटरमीडिएट कक्षाओं में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण
उन्हें अन्यत्र जाना पड़ रहा है या अपने विषयों की प्राथमिकताएं बदलनी पड़
रही हैं। विद्यालय में शिक्षक ही नहीं, बाबू तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों
के भी स्थान खाली हैं। नागरिकों ने शीघ्र यहां प्रयोगशाला के लिए उपकरणों
की भी व्यवस्था करने की मांग की है। बैठक में दान सिंह, टीडी पांडेय,
देवेंद्र पाटनी, हयात सिंह, अंकित पांडेय, गिरीश जोशी, गिरीश तिवारी, आनंद
सिंह भंडारी, केएन गोस्वामी, महेश वर्मा, जगदीश पांडेय, कैलाश राम, नीरज
आदि थे।
न प्रधानाचार्य और न प्रवक्ता तो कैसे संवरे भविष्य
गणाईगंगोली (पिथौरागढ़)। राजकीय इंटर कॉलेज गणाईगंगोली में
प्रधानाचार्य के साथ ही कई शिक्षकों के पद रिक्त होने से पढ़ाई चौपट हो गई
है। अव्यवस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जीआईसी में वर्ष
1997 से भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता का पद रिक्त है। अंग्रेजी, अर्थशास्त्र,
नागरिक शास्त्र, हिंदी के प्रवक्ताओं के पद भी रिक्त हैं। अभिभावक संघ के
अध्यक्ष चंदन वाणी, क्षेत्र पंचायत सदस्य भुवन बोरा, ग्राम प्रधान आनंद
सिंह बोरा, प्रकाश राम का कहना है कि जीआईसी में प्रधानाचार्य और
प्रवक्ताओं के रिक्त पदों पर नियुक्ति का मामला कई बार विभाग के अधिकारियों
के सामने उठाया जा चुका है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कहा कि
अब यह मामला शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा।
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